महावीर जयंती: भगवान महावीर का जन्मोत्सव

महावीर जयंती का महत्व
महावीर जयंती, जैन धर्म के अनुयायियों के लिए एक अत्यधिक महत्वपूर्ण पर्व है, जो हर वर्ष चैत्र माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है। यह दिन भगवान महावीर के जन्म के उपलक्ष्य में समर्पित है, जो जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर माने जाते हैं। भगवान महावीर का जीवन अहिंसा, सत्य और सामाजिक समानता के सिद्धांतों पर आधारित था, और इस दिन उनकी शिक्षाओं को याद किया जाता है।
महावीर जयंती के उत्सव
महावीर जयंती का उत्सव भारत के विभिन्न हिस्सों में धूमधाम से मनाया जाता है। दिन की शुरुआत जैन मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना से होती है। भक्तजन विशेष रूप से भगवान महावीर की मूर्तियों को स्नान कराते हैं और उन्हें फूलों और आभूषणों से सजाते हैं। इसके बाद, जैन समुदाय के लोग सामूहिक जुलूस निकालते हैं, जिसमें भव्य झाँकियाँ और धार्मिक गीत होते हैं।
महावीर जयंती का सामाजिक संदर्भ
आज के समय में महावीर जयंती केवल एक धार्मिक त्योहार नहीं है, बल्कि यह अहिंसा, पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक न्याय के प्रति जागरूकता फैलाने का भी एक अवसर है। जैन समुदाय इस दिन कई सामाजिक सेवाओं का आयोजन करता है, जैसे जरूरतमंदों को भोजन और कपड़े बांटना। इस पर्व के दौरान संतों और विद्वानों द्वारा विभिन्न पैनल चर्चाएं भी आयोजित की जाती हैं, जो महावीर के विचारों को आज के संदर्भ में पेश करती हैं।
निष्कर्ष
महावीर जयंती न केवल जैन धर्म के अनुयायियों के लिए, बल्कि समाज के लिए भी महत्वपूर्ण संदेश प्रस्तुत करता है। यह हमें अहिंसा, करुणा और प्रेम के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करता है। आगे बढ़ते हुए, इस पर्व का महत्व समय के साथ और भी अधिक बढ़ता जा रहा है, क्योंकि आज के युग में हर व्यक्ति को एक बेहतर समाज के निर्माण की आवश्यकता है।