বৃহস্পতিবার, জুলাই 10

SCO: शंघाई सहयोग संगठन की वर्तमान स्थिति और महत्व

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शंघाई सहयोग संगठन (SCO) का परिचय

शंघाई सहयोग संगठन (SCO) एक अंतरसरकारी संगठन है, जिसकी स्थापना 2001 में हुई थी। इसका उद्देश्य क्षेत्रीय सुरक्षा, आर्थिक सहयोग, और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देना है। SCO में मुख्य रूप से चीन, भारत, पाकिस्तान, रूस और अन्य मध्य एशियाई देश शामिल हैं। यह संगठन वैश्विक मंच पर सुरक्षा और सहयोग के मुद्दों पर चर्चा करता है, जिससे क्षेत्र की स्थिरता बनाए रखी जा सके।

हालिया घटनाक्रम

हाल के कुछ महीनों में, SCO ने राजनीतिक और आर्थिक सहयोग को बढ़ाने के लिए कई महत्वपूर्ण पहलें की हैं। अगस्त 2023 में, SCO के सदस्यों ने नई दिल्ली में एक शिखर सम्मेलन आयोजित किया, जिसमें राज्य प्रमुखों ने विभिन्न वैश्विक मुद्दों जैसे आतंकवाद, उदारवादी व्यापार, और जलवायु परिवर्तन पर चर्चा की। भारत, जो इस संगठन की अध्यक्षता कर रहा है, ने विकास और निरंतरता के लिए एक नई कार्य योजना प्रस्तुत की है।

इस सम्मेलन में भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय वार्ताओं का भी उल्लेख किया गया, जिसमें दोनों देशों ने क्षेत्रीय सुरक्षा मामलों पर सहयोग बढ़ाने की इच्छा व्यक्त की। इसके अलावा, SCO ने स्थायी सदस्यों के रूप में ईरान और बांग्लादेश को शामिल करने के लिए चर्चा की, जिससे संगठन की शक्ति और प्रभाव बढ़ेगा।

महत्व और भविष्यवाणी

शंघाई सहयोग संगठन का महत्व केवल सुरक्षा तक सीमित नहीं है, बल्कि यह क्षेत्रीय विकास और व्यापार में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। SCO के बढ़ते सदस्य देशों की संख्या और उन्हें दिए जाने वाले सहयोग के तत्व विश्व स्तर पर संगठन की स्थिति को मजबूत करते हैं।

आने वाले वर्षों में, SCO का प्रभाव और भी बढ़ने की संभावना है। विशेषकर भारत और चीन के बीच बढ़ते आर्थिक सहयोग, और आतंकवाद के खिलाफ सामूहिक प्रयासों के कारण, SCO को वैश्विक मंच पर एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी के रूप में देखा जा सकता है। इससे न केवल सदस्य देशों में, बल्कि सम्पूर्ण एशिया में स्थिरता और विकास की संभावना बढ़ेगी।

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