মঙ্গলবার, মে 6

इंदिरा गांधी: भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री और उनके योगदान

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परिचय

इंदिरा गांधी, भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री, ने देश की राजनीति में एक अद्वितीय स्थान प्राप्त किया। उनका नेतृत्व और दूरदर्शिता ने भारत को अनेक चुनौतियों का सामना करने में मदद की। आज, उनके योगदान और विचारों का अध्ययन करना अत्यंत महत्वपूर्ण है, खासकर जब भारत एक तेजी से बदलते वैश्विक परिदृश्य में कदम रख रहा है।

जीवन यात्रा

इंदिरा गांधी का जन्म 19 नवंबर 1917 को अल्मोड़ा, उत्तराखंड में हुआ। उनके पिता, जवाहरलाल नेहरू, स्वतंत्रता संग्राम के नेता थे और बाद में भारत के पहले प्रधानमंत्री बने। इसका प्रभाव उनके राजनीतिक करियर पर स्पष्ट रूप से पड़ा। उन्होंने अपनी शिक्षा कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय और स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से प्राप्त की।

राजनैतिक करियर

1966 में, इंदिरा गांधी ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की अध्यक्षता ग्रहण की और देश की प्रधानमंत्री बनीं। वे 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद बांग्लादेश के निर्माण में अहम भूमिका निभाने के लिए जानी जाती हैं। उनके नेतृत्व में, भारत ने न केवल सैन्य विजय प्राप्त की, बल्कि क्षेत्रीय शक्ति के रूप में अपनी स्थिति भी मजबूत की।

आर्थिक नीतियाँ और सुधार

इंदिरा गांधी की नीतियों में आधे-राज्य, हरित क्रांति और राष्ट्रीयकरण शामिल थे। उन्होंने बैंकों और अन्य महत्वपूर्ण उद्योगों का राष्ट्रीयकरण किया, जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था में स्थिरता आई। उनके द्वारा लागू की गई हरित क्रांति के कारण भारत ने खाद्य आत्मनिर्भरता की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए।

विवादास्पद उपाय

हालांकि उनके कार्यकाल में कई सफलताओं के बीच आपातकाल (1975-77) लगाने का निर्णय एक विवादास्पद कदम था। इस दौरान उनके द्वारा किए गए कई फैसलों के कारण विरोधी दलों का उभार हुआ और 1977 में उन्हें चुनाव हारना पड़ा।

निष्कर्ष

इंदिरा गांधी का जीवन और कार्य भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण अध्याय है। उनका नेतृत्व और विचार आज भी युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। उनके द्वारा स्थापित नीतियों का प्रभाव आज भी हमारे समाज और अर्थव्यवस्था में देखा जा सकता है। उनका जीवन हमें यह सिखाता है कि बड़े सुधार केवल संकल्प और दृष्टिकोण के साथ ही संभव होते हैं।

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