रंग पंचमी कब है: जानें इसकी तिथि और महत्व

रंग पंचमी का महत्व
रंग पंचमी, भारत में मनाए जाने वाले प्रमुख त्योहारों में से एक है जो विशेष रूप से होली के उपरांत मनाया जाता है। इस पर्व का महत्व रंगों के सामूहिक उत्सव और अतीत की सांस्कृतिक मान्यताओं पर आधारित है। रंग पंचमी का दिन आमतौर पर होली के बाद पांचवे दिन आता है, और इस दिन बहने अपने भाइयों को रंग लगाते हैं। यह भाई-बहन के रिश्ते को मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है।
रंग पंचमी कब है?
इस वर्ष रंग पंचमी का त्योहार 11 मार्च 2024 को मनाया जाएगा। हिंदू पंचांग के अनुसार, इसे फाल्गुन माह की शुक्ल पंचमी को मनाया जाता है, जो होली के समारोह का समापन करता है।
कैसे मनाते हैं रंग पंचमी?
रंग पंचमी के दिन लोग एक दूसरे को रंगों से भरे पाउडर और पानी से तर देते हैं। लोग इस दिन सुबह से ही तैयार होते हैं और अपने परिवार तथा मित्रों के साथ मिलकर रंगों में खेलते हैं। इस दिन विभिन्न प्रकार के मिठाइयों का सेवन किया जाता है और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाता है।
रंग पंचमी का ऐतिहासिक संदर्भ
रंग पंचमी का संबंध मान्यता के अनुसार भगवान श्री कृष्ण और राधा की लीलाओं से है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान कृष्ण ने राधा को रंगों से रंगा था। इसी कारण इस दिन को विशेष रूप से रंगों से भरा हुआ दिन माना जाता है।
निष्कर्ष
रंग पंचमी ना केवल रंगों का उत्सव है, बल्कि यह आपसी स्नेह और बंधुत्व का प्रतीक भी है। यह दिन भाई-बहन के रिश्ते को और भी मजबूत बनाता है। इसलिए रंग पंचमी का उत्सव हर वर्ष उमंग और उल्लास के साथ मनाना चाहिए। यहां तक कि यह आने वाले दिन की उम्मीद और प्रेम का प्रतीक भी माना जाता है। इस साल भी रंग पंचमी के अवसर पर एक बार फिर से रंगों की बौछार देखने को मिलेगी।