শুক্রবার, মে 9

एकादशी कब है और क्यों मनाई जाती है

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एकादशी का महत्व

एकादशी, जिसे हिंदू धर्म में विशेष रूप से पूजा और व्रत का दिन माना जाता है, खुशियों और धार्मिक आस्था से भरा होता है। यह दिन भगवान विष्णु की उपासना के लिए समर्पित है और श्रद्धालुओं के लिए आत्मशुद्धि का अवसर है। एकादशी हर महीने में दो बार आती है, शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष के दौरान।

एकादशी कब है 2023 में

2023 में एकादशी के व्रत की तिथियां निम्नलिखित हैं:

  • पद्म एकादशी: 2 जनवरी 2023
  • भीष्म एकादशी: 18 जनवरी 2023
  • मोक्षदा एकादशी: 6 दिसंबर 2023
  • पद्मा एकादशी: 24 दिसंबर 2023

व्रत का महत्व

इस दिन व्रति (जो व्रत रखते हैं) विशेष आहार का पालन करते हैं, जिसमें अनाज का सेवन नहीं किया जाता है। श्रद्धालु रात तक उपवासी रहते हैं और केवल फल, दूध और सूखे मेवे का सेवन करते हैं। एकादशी के व्रत का पालन करने से व्यक्ति के मन और आत्मा को शांति मिलती है।

एकादशी का आध्यात्मिक अर्थ

एकादशी का शाब्दिक अर्थ है ‘ग्यारह’, जो भारत के विभिन्न धार्मिक ग्रंथों में वर्णित है। इस दिन पूजा करने वालों का मानना है कि भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है। यह दिन विशेषकर पापों से मुक्ति पाने और अच्छे कर्म करने का अवसर भी माना जाता है।

निष्कर्ष

एकादशी का पर्व न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह मानसिक और आत्मिक विकास के लिए भी महत्वपूर्ण है। जो श्रद्धालु इस दिन विशेष ध्यान, प्रार्थना और व्रत करते हैं, उन्हें जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और शांति का अनुभव होता है। प्रत्येक एकादशी पर विशेष ध्यान देकर, भक्त अपने जीवन को अधिक सार्थक बना सकते हैं।

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