आयकर: भारतीय कर प्रणाली में एक आवश्यक तत्व
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आयकर का परिचय
आयकर, जिसे आयकर अधिनियम के तहत कर के रूप में जाना जाता है, व्यक्तिगत और कॉर्पोरेट आय पर लगाया जाने वाला कर है। यह सरकार के राजस्व का एक महत्वपूर्ण स्रोत है। आयकर न केवल सरकारी योजनाओं के वित्त पोषण में मदद करता है, बल्कि यह समग्र आर्थिक विकास में भी योगदान देता है।
आयकर की महत्वपूर्ण जानकारी
2023-24 वित्तीय वर्ष के लिए आय कर की दरों में कुछ महत्वपूर्ण परिवर्तन हुए हैं। मुख्य रूप से, टैक्स स्लैब के अंतर्गत वेतनभोगियों के लिए कर की दरें नई श्रेणियों में विभाजित की गई हैं। आयकर विभाग ने यह सुनिश्चित किया है कि सामान्य नागरिकों पर कर का दबाव हल्का रहे।
नए कर स्लाब और छूट
आवश्यक आयकर स्लाब में बदलावों के साथ, नई कर प्रणाली में विभिन्न छूट भी शामिल हैं। 2.5 लाख रुपये तक की आय पर कोई कर नहीं लगता है, जबकि 2.5 लाख से 5 लाख रुपये तक की आय पर 5% और 5 लाख से 10 लाख रुपये तक की आय पर 20% कर लगाया जाता है।
आयकर रिटर्न दाखिल करने की प्रक्रिया
हर वर्ष, करदाताओं को अपनी आय के आंकड़े प्रस्तुत करना आवश्यक होता है, जिसे आयकर रिटर्न (ITR) कहा जाता है। यह प्रक्रिया आमतौर पर अप्रैल से लेकर जुलाई के बीच होती है। यदि रिटर्न समय पर दाखिल नहीं किया जाता है, तो दंड का प्रावधान होता है।
निष्कर्ष
आयकर भारतीय नागरिकों और व्यवसायों के लिए एक महत्वपूर्ण विषय है। सही और समय पर जानकारी प्राप्त करने से नागरिकों को अपनी वित्तीय स्थिति को बेहतर ढंग से प्रबंधित करने में मदद मिलती है। आगे चलकर, यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि सरकार नई नीतियों के माध्यम से कर प्रणाली को कैसे सुधारेगी और जनता को कैसे लाभ पहुंचाएगी।