মঙ্গলবার, এপ্রিল 8

SSA: सशक्त शिक्षा के लिए एक नई पहल

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SSA का परिचय

सरकारी आधारभूत शिक्षा में सुधार करने के लिए, भारत सरकार ने 2001 में शिक्षा के अधिकार अधिनियम के अंतर्गत ‘सर्व शिक्षा अभियान’ (SSA) का प्रारम्भ किया। यह कार्यक्रम विशेष रूप से बुनियादी शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने और हर बच्चे को शिक्षा देने के लिए कार्य कर रहा है। SSA का उद्देश्य केवल बच्चों को स्कूल में लाना ही नहीं है, बल्कि उनकी शिक्षा की गुणवत्ता को भी सुनिश्चित करना है।

SSA की उपलब्धियां

डाटा से यह स्पष्ट हुआ है कि SSA के माध्यम से भारत में प्राथमिक स्कूलों में नामांकन दर में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। 2001 से 2020 के बीच, प्राथमिक शिक्षा में नामांकित बच्चों की संख्या 90% से ऊपर पहुँच गई है। इसमें विशेष रूप से विशेष बच्चों और कमजोर सामाजिक समूहों के बच्चों की भागीदारी को बढ़ाने पर ध्यान दिया गया है। इसके अलावा, SSA ने शिक्षा के बुनियादी ढांचे, प्रशिक्षकों की गुणवत्ता और पाठ्यक्रम के अद्यतन में भी महत्वपूर्ण योगदान किया है।

हाल की गतिविधियाँ

हाल ही में, शिक्षा मंत्रालय ने SSA के तहत नई तकनीकियों के इस्तेमाल के लिए एक योजना की घोषणा की है। इससे शिक्षकों और छात्रों के लिए ऑनलाइन शिक्षण सामग्री एवं संसाधनों को उपलब्ध कराया जाएगा। इसके साथ ही, विद्यालयों में शैक्षिक प्रौद्योगिकी के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए कार्यशालाओं और प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाएगा।

भविष्य की दिशा

SSA कार्यक्रम के अंतर्गत आने वाले विभिन्न पहलुओं के साथ, यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि प्रत्येक बच्चे को गुणात्मक शिक्षा मिले। आने वाले वर्षों में, SSA में वित्तीय मदद, संसाधनों की उपलब्धता और सामाजिक जागरूकता बढ़ाने के लिए नए उपाय लागू करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। इस तरह, SSA न केवल शिक्षा को सशक्त करेगा बल्कि भारतीय समाज में सकारात्मक बदलाव भी लाएगा।

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