NHPC का विकास: नई परियोजनाएं, वित्तीय प्रगति और नवीकरणीय ऊर्जा में विस्तार

महत्वपूर्ण उपलब्धियां और विकास
NHPC लिमिटेड, जो पहले नेशनल हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर कॉरपोरेशन के नाम से जानी जाती थी, भारत सरकार का एक नवरत्न उद्यम है। कंपनी ने अब सौर, भू-तापीय, ज्वारीय और पवन ऊर्जा जैसे अन्य स्रोतों में भी विस्तार किया है।
2025 की शुरुआत में कंपनी ने एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की, जब पारबती-II परियोजना की सभी चार इकाइयां चालू हो गईं। यह NHPC की सबसे बड़ी परिचालन जलविद्युत परियोजना बन गई है, जिससे भारत के नवीकरणीय ऊर्जा पोर्टफोलियो में 800 मेगावाट की वृद्धि हुई है।
वित्तीय प्रदर्शन और नई पहल
हाल ही में, 29 अगस्त 2025 को, NHPC के बोर्ड ने वित्त वर्ष 2025-26 में 10,000 करोड़ रुपये तक जुटाने की योजना को मंजूरी दी। यह धनराशि कॉरपोरेट बॉन्ड, टर्म लोन या बाहरी वाणिज्यिक उधार के माध्यम से जुटाई जाएगी। साथ ही, बोर्ड ने चमेरा-III और पारबती-III पावर स्टेशनों से भविष्य के नकदी प्रवाह को मौद्रिक बनाने की योजना को भी मंजूरी दी है।
भविष्य की योजनाएं और विकास
सुबनसिरी लोअर हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट (2,000 मेगावाट) ने 96% भौतिक प्रगति हासिल कर ली है। पहली दो इकाइयों का ड्राई कमीशनिंग पूरा हो चुका है और तीसरी इकाई के लिए पूर्व-कमीशनिंग गतिविधियां चल रही हैं। चालू वित्त वर्ष में पांच इकाइयों के चालू होने की उम्मीद है, जबकि शेष इकाइयां मई 2026 तक चालू हो जाएंगी।
NHPC जलविद्युत परियोजनाओं की पहचान, व्यवहार्यता अध्ययन, विस्तृत परियोजना रिपोर्ट, डिजाइन, निर्माण, संचालन और रखरखाव के विभिन्न चरणों में कार्य करता है। कंपनी के पास भारत के विभिन्न राज्यों में छोटे से लेकर बड़े पैमाने के जलविद्युत संयंत्रों का विविध पोर्टफोलियो है।