বুধবার, আগস্ট 6

MSME: छोटे और मध्यम उद्योगों का विकास और उनकी भूमिका

0
35

MSME का महत्व

MSME, अर्थात् छोटे और मध्यम उद्यम, भारत की अर्थव्यवस्था का महत्वपूर्ण स्तंभ हैं। ये उद्यम न केवल रोजगार के अवसर प्रदान करते हैं बल्कि आर्थिक विकास में भी योगदान देते हैं। वर्तमान में, MSME क्षेत्र में लगभग 6 करोड़ से अधिक इकाइयाँ कार्यरत हैं, जो देश की कुल औद्योगिक उत्पादन का लगभग 45% योगदान करती हैं।

MSME की वर्तमान स्थिति

भारत सरकार ने MSME के विकास के लिए विभिन्न योजनाएँ और नीतियाँ लागू की हैं। हाल ही में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘आत्मनिर्भर भारत’ योजना के तहत MSME को अधिकतम लाभ पहुँचाने का लक्ष्य रखा है। वित्त वर्ष 2022-23 में, MSME के लिए 50,000 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई थी, जिसमें ऋण सुविधा और सस्ती ब्याज दरों पर फंडिंग शामिल है। इसके अलावा, स्किल डेवेलपमेंट और टेक्नोलॉजी में सुधार पर भी जोर दिया जा रहा है।

चुनौतियाँ और अवसर

हालांकि MSME क्षेत्र को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, जैसे कि वित्त, मार्केटिंग और तकनीकी संसाधनों की कमी। कोविड-19 महामारी ने भी इस क्षेत्र की कार्यप्रणाली को प्रभावित किया है। उद्योग विशेषज्ञों का मानना है कि डिजिटल परिवर्तन और नवीनतम तकनीकों का समावेश MSME के लिए एक बड़ा अवसर हो सकता है। इसके अलावा, निर्यात में वृद्धि और वैश्विक बाजारों में प्रतिस्पर्धा को देखते हुए MSME को उभरने का एक सुनहरा अवसर प्राप्त होगा।

निष्कर्ष

संक्षेप में कहा जाए तो MSME भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली सुविधाओं और नीतियों के माध्यम से, MSME को और अधिक उन्नति करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। भविष्य में, यदि MSME को सही दिशा में समर्थन मिलता है, तो यह न केवल रोजगार सृजन में सहायता करेगा बल्कि आर्थिक विकास को भी गति देगा।

Comments are closed.