বুধবার, সেপ্টেম্বর 10

GST परिषद का ऐतिहासिक फैसला: दो स्लैब वाली नई कर व्यवस्था से आम आदमी को राहत

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परिचय

GST परिषद ने वस्तु एवं सेवा कर (GST) की संरचना में एक बड़ा बदलाव करते हुए मौजूदा चार-दर व्यवस्था को घटाकर दो मुख्य स्लैब में बदल दिया है। नई दरें 22 सितंबर, 2025 से लागू होंगी, जिसमें अधिकांश रोजमर्रा की वस्तुएं 5% और 18% के दो कर स्लैब में आएंगी।

प्रमुख परिवर्तन

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नई दिल्ली में मीडिया को बताया कि आम आदमी और मध्यम वर्ग की वस्तुओं पर GST 18% या 12% से घटाकर 5% कर दिया गया है। साथ ही, सभी व्यक्तिगत जीवन बीमा पॉलिसियों, चाहे वह टर्म लाइफ हो, ULIP या एंडाउमेंट पॉलिसी, सभी व्यक्तिगत स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों को GST से मुक्त कर दिया गया है।

नई दरों के तहत हेयर ऑयल, टॉयलेट सोप, साबुन बार, शैंपू, टूथब्रश, टूथपेस्ट, साइकिल, बर्तन और अन्य घरेलू सामान अब केवल 5% GST के दायरे में आएंगे। उल्ट्रा-हाई टेम्परेचर मिल्क, छेना और पनीर पर GST 5% से घटाकर शून्य कर दिया गया है। साथ ही, नमकीन, भुजिया, सॉस, पास्ता, इंस्टेंट नूडल्स, चॉकलेट, कॉफी, प्रिजर्व्ड मीट, कॉर्नफ्लेक्स, मक्खन और घी पर GST 12% या 18% से घटाकर 5% कर दिया गया है।

विलासिता वस्तुओं पर नया स्लैब

2025 के नेक्स्ट-जेन GST सुधारों के तहत स्लैब 0% (छूट), 5% और 18% होंगे। प्रीमियम कारों और बाइक, और सिगरेट और तंबाकू जैसी पाप वस्तुओं के लिए एक नया 40% GST स्लैब पेश किया गया है।

प्रभाव और महत्व

राजस्व सचिव अरविंद श्रीवास्तव के अनुसार, दरों के युक्तिकरण से 48,000 करोड़ रुपये का वित्तीय प्रभाव पड़ेगा, जो केंद्र और राज्य के लिए वित्तीय रूप से टिकाऊ होगा। श्रम-प्रधान उद्योगों ने मजबूत समर्थन दिया है, जबकि किसान और कृषि क्षेत्र भी इन फैसलों से लाभान्वित होंगे। GST परिषद ने आम आदमी, श्रम-प्रधान उद्योगों, किसानों और कृषि, स्वास्थ्य, और अर्थव्यवस्था के प्रमुख चालकों पर ध्यान केंद्रित करते हुए दर युक्तिकरण को मंजूरी दी है।

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