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Govardhan Puja 2025: परंपरा और उत्सव

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Govardhan Puja: भारत के प्रमुख त्यौहार

Govardhan Puja, जिसे अन्नकूट के नाम से भी जाना जाता है, हर साल कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को मनाया जाता है। यह त्यौहार भगवान कृष्ण द्वारा गोवर्धन पर्वत को उठाने की घटना की स्मृति में मनाया जाता है। यह त्यौहार विशेष रूप से उत्तर भारत में श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है। 2025 में, यह विशिष्ट त्यौहार 17 नवंबर को मनाया जाएगा।

Govardhan Puja का महत्व

Govardhan Puja के अवसर पर, भक्त विशेष रूप से गोवर्धन पर्वत की पूजा करते हैं। इसे नंदनी व्रत भी माना जाता है, जो भगवान कृष्ण के जीवन के महत्वपूर्ण घटनाक्रम को दर्शाता है। मान्यता के अनुसार, भगवान कृष्ण ने जब इन्द्र देव की नाराजगी के चलते गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी अंगुली पर उठाया था, तब गांव वालों ने उनकी रक्षा की। इस घटना के संदर्भ में, भक्त चावल, दूध, घी और अन्य खाद्य पदार्थों से गोवर्धन की आकृति बनाते हैं और उसकी पूजा करते हैं।

Govardhan Puja 2025 की तैयारियाँ

Govardhan Puja को लेकर भक्तों में उत्साह चरम पर होता है। विभिन्न मंदिरों और घरों में विशेष पूजा आयोजित की जाती है। लोगों द्वारा गोबर से गोवर्धन पर्वत का आकार दिया जाता है तथा उसे फूलों और रंग-बिरंगी वस्तुओं से सजाया जाता है। इस दिन लोग एक-दूसरे को मिठाइयाँ बांटते हैं और अपने संबंधों को मजबूत करने का प्रयास करते हैं। सामाजिक खाई को मिटाने और सामूहिकता को बढ़ाने का यह अवसर बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है।

निष्कर्ष

Govardhan Puja केवल एक धार्मिक उत्सव नहीं है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और परंपरा का प्रतीक है। यह त्यौहार न केवल समाज में एकता और भाईचारे की भावना को बढ़ावा देता है, बल्कि भगवान कृष्ण के प्रति श्रद्धा और भक्ति को भी दर्शाता है। 2025 में होने वाले Govardhan Puja के साथ, यह उम्मीद की जाती है कि सभी भक्त मिलकर इस त्यौहार को और भी हर्षोल्लास के साथ मनाएँगे।

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