মঙ্গলবার, অক্টোবর 14

eKYC: डिजिटल रूप से पहचान सत्यापन का नया युग

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eKYC क्या है?

eKYC, जिसे इलेक्ट्रॉनिक Know Your Customer भी कहते हैं, एक डिजिटल पहचान सत्यापन प्रक्रिया है। इसका उद्देश्य बैंकों, वित्तीय संस्थानों और अन्य सेवाओं के लिए उपयोगकर्ताओं की पहचान को सुरक्षित और सुगम बनाना है। यह प्रक्रिया मोबाईल ऐप्स और ऑनलाइन प्लेटफार्मों के माध्यम से होती है।

eKYC का महत्व

भारत में डिजिटलीकरण के बढ़ते दौर में, eKYC प्रक्रिया ने समय, लागत और संसाधनों की बचत करने में मदद की है। चूंकि यह एक त्वरित और प्रभावी तरीका है, यह ग्राहकों को सरलता से सेवाएँ उपलब्ध कराने में सहायक है। इसके माध्यम से उपयोगकर्ता बिना किसी फिजिकल दस्तावेज का उपयोग किये केवल ऑनलाइन अपनी पहचान की पुष्टि कर सकते हैं।

eKYC की प्रक्रिया

eKYC के लिए आमतौर पर स्कैन की गई पहचान पत्र, जैसे आधार, पैन कार्ड, या ड्राइविंग लाइसेंस की आवश्यकता होती है। उपयोगकर्ता अपने दस्तावेज़ों की डिजिटल कॉपी अपलोड करते हैं, और फिर उनके दस्तावेज़ों की मान्यता के लिए एक बायोमीट्रिक सत्यापन किया जाता है। यह प्रक्रिया सहायक तकनीक जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग पर आधारित होती है।

वर्तमान स्थिति और भविष्य की संभावनाएँ

हाल ही में भारत सरकार ने eKYC प्रक्रिया को तेज करने के लिए नियमों में कुछ संशोधन किए हैं। इससे न केवल वित्तीय लेनदेन की सुविधा बढ़ी है, बल्कि का उपयोग अन्य क्षेत्रों में, जैसे टेलीकॉम और स्वास्थ्य सेवाओं में भी होने लगा है। भविष्य में इसे और अधिक क्षेत्रों में लागू किया जा सकता है, जिससे आम जनता को सुरक्षा और आसानी की उम्मीद है।

निष्कर्ष

eKYC प्रक्रिया का महत्व डिजिटल युग में बहुत बढ़ गया है। यह न केवल सुगमता और दक्षता लाता है, बल्कि डेटा सुरक्षा को भी सुनिश्चित करता है। जैसे-जैसे तकनीक विकसित होती जा रही है, eKYC और भी अधिक संस्थानों और सेवाओं द्वारा अपनाया जाएगा, जो उपयोगकर्ताओं के लिए सुरक्षित और तेज़ सत्यापन सुनिश्चित करेगा।

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