DOE: भारत में नवीकरणीय ऊर्जा की दिशा में अग्रिम पहल

परिचय
भारत में नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में Department of Energy (DOE) की महत्वपूर्ण भूमिका है। वर्तमान महामारी के बाद ऊर्जा की स्थिरता और पुनः सिद्धता की आवश्यकता और भी ज्यादा बढ़ गई है। DOE न केवल ऊर्जा उत्पादन में कमी लाने के लिए प्रतिबद्ध है, बल्कि साथ ही जलवायु परिवर्तन को नियंत्रित करने के लिए नवीनतम तकनीकों का भी उपयोग कर रहा है।
हाल के घटनाक्रम
हाल ही में, DOE ने “राष्ट्रीय नवीकरणीय ऊर्जा नीति 2023” को लागू करने की घोषणा की। इस नीति के तहत, भारत का लक्ष्य 2030 तक 500 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता प्राप्त करना है। इसके लिए, DOE ने कई पहलों की शुरुआत की है, जैसे सौर, पवन और बायोमास ऊर्जा परियोजनाओं का विकास। जुलाई 2023 में, DOE ने ‘सौर ऊर्जा के लिए निवेश प्रोत्साहन योजना’ भी प्रस्तुत की, जिसमें निवेशकों को आकर्षित करने के लिए कई अनुदान और कर छूट की योजना है।
महत्व और भविष्य की संभावनाएँ
भारत में ऊर्जा की बढ़ती जरूरतों को देखते हुए DOE की पहल अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। न केवल यह ऊर्जा की सुरक्षा सुनिश्चित करती हैं, बल्कि यह रोजगार के अवसरों को भी बढ़ाती हैं तथा स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं को सशक्त बनाती हैं। भविष्य में, अगर भारत अपनी नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्यों को हासिल करने में सफल होता है, तो यह न केवल देश की ऊर्जा संतुलन में सुधार करेगा, बल्कि जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को भी कम करेगा।
निष्कर्ष
DOE के प्रयासों से भारत नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण समर्थक बन सकता है। यह न केवल वैश्विक ऊर्जा बाजार में भारत की स्थिति को मजबूती प्रदान करेगा, बल्कि आने वाले पीढ़ियों के लिए एक स्थायी और स्वस्थ पर्यावरण भी सुनिश्चित करेगा। इसलिए, सभी नागरिकों और संस्थानों को इस दिशा में किए जा रहे प्रयासों का समर्थन करना चाहिए।