CPCB: भारत में पर्यावरण की देखभाल के लिए आवश्यक संस्था

CPCB का परिचय
केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) भारत में पर्यावरण के संरक्षण और प्रदूषण की निगरानी के लिए प्रमुख संस्था है। यह संस्था भारत सरकार के पर्यावरण मंत्रालय के अधीन काम करती है और इसका मुख्य उद्देश्य प्रदूषण को नियंत्रित करना एवं पर्यावरण की गुणवत्ता को बनाए रखना है। CPCB का गठन 1974 में किया गया था और तब से यह विभिन्न पर्यावरणीय मुद्दों पर काम कर रही है।
हालिया घटनाएँ
हाल ही में, CPCB ने दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए नई योजनाएँ पेश की हैं। यह कदम हवा की खराब गुणवत्ता के मद्देनजर उठाया गया है, जो खासतौर पर सर्दियों में प्रदूषण के उच्च स्तर के कारण होती है। CPCB ने निर्माताओं और उद्योगों को प्रदूषण कम करने के लिए नई तकनीकों का उपयोग करने की सलाह दी है। इसके अलावा, उन्होंने सार्वजनिक परिवहन को प्रोत्साहित करने और वाहनों की देखभाल सुनिश्चित करने की अपील की है।
आंकड़े और अध्ययन
CPCB द्वारा हाल में किए गए सर्वेक्षणों से पता चला है कि पिछले वर्ष में 20% अधिक औद्योगिक प्रदूषण बढ़ा है। इस संदर्भ में, CPCB ने 2022 में प्रदूषण से संबंधित 700 से अधिक मामलों को दर्ज किया। इसके अलावा, संस्थान ने ताप विद्युत संयंत्रों के लिए नए उत्सर्जन मानकों को पेश किया है, जिनका पालन करना अनिवार्य होगा।
निष्कर्ष
केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) की गतिविधियाँ भारत में पर्यावरणीय स्वास्थ्य को बनाए रखने में अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। पर्यावरण प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए उनकी पहलें और नियम बेहद आवश्यक हैं, खासकर जब भारत जैसे विकासशील देशों को औद्योगिक विकास और पर्यावरण की स्थिरता के बीच संतुलन बनाए रखने की आवश्यकता है। यदि CPCB द्वारा जारी मानदंडों का सही ढंग से पालन किया जाए, तो इससे न केवल पर्यावरण को लाभ होगा बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी स्वस्थ जीवन की संभावनाएँ बढ़ेंगी।