CAG: सरकार की वित्तीय पारदर्शिता की चौकीदारी

CAG का परिचय
कंप्ट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल (CAG) भारत में एक महत्वपूर्ण संस्था है, जिसका मुख्य कार्य सरकारी राशियों का लेखा-परीक्षा करना है। इसकी मौजूदा भूमिका की महत्ता इस समय और भी बढ़ गई है जब वित्तीय पारदर्शिता और जनहित में सरकारी कार्यवाही पर नजर रखने की बात आ रही है।
हालिया घटनाएं और CAG की रिपोर्ट
हाल ही में CAG ने विभिन्न सरकारी विभागों के खिलाफ अपनी रिपोर्ट में कई विसंगतियों का उल्लेख किया है। जैसे कि, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की COVID-19 टीकाकरण योजना पर पेश की गई रिपोर्ट में पाया गया कि कुछ राज्यों में टीके की आपूर्ति और वितरण में अनियमितताएँ थी। इसके अतिरिक्त, CAG ने उजागर किया कि कई राज्यों में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति में भी सुधार की आवश्यकता है।
CAG की प्रासंगिकता
CAG की भूमिका सिर्फ वित्तीय लेखा-परीक्षा में ही नहीं बल्कि सरकारी नीतियों की दक्षता में भी अहम है। इसकी रिपोर्ट अक्सर भारत की संसद में अनिवार्य रूप से पेश की जाती है, जिससे इसे कानून बनाने वालों द्वारा उचित तरीके से संबोधित किया जा सके। CAG का कार्य हर भारतीय नागरिक के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे यह सुनिश्चित किया जाता है कि सार्वजनिक धन का प्रयोग सही दिशा में हो रहा है।
निष्कर्ष
CAG का कार्य विजयी सुधारों के लिए आवश्यक है। भारत जैसी विशाल अर्थव्यवस्था में, जहां वित्तीय पारदर्शिता आवश्यक है, CAG की भूमिका को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। भविष्य में, CAG अधिक प्रभावी और आवश्यक होने की संभावना है, क्योंकि समाज में पारदर्शिता की मांग लगातार बढ़ती जा रही है। CAG की रिपोर्ट्स केवल एक आधिकारिक दस्तावेज नहीं हैं, बल्कि यह भारतीय लोकतंत्र की मजबूत नींव का हिस्सा हैं।