শুক্রবার, জুলাই 18

BSF: भारत की सीमाओं की सुरक्षा का अडिग प्रहरी

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BSF का परिचय

भारत–पाकिस्तान और भारत–बांग्लादेश सीमाओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए देश की अग्रिम पंक्ति की सुरक्षा बल, सीमा सुरक्षा बल (BSF) की स्थापना 1965 में हुई थी। BSF की भूमिका केवल सीमा सुरक्षा तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह आतंकवाद, तस्करी और अन्य सीमापरिवर्तन संबंधी चुनौतियों का सामना करने में भी संलग्न है।

हाल की घटनाएँ

हाल में BSF ने भारतीय सीमा पर आतंकवादियों के कई घुसपैठ के प्रयासों को विफल किया है। पंजाब और कश्मीर के सीमाई क्षेत्रों में, BSF के जवानों ने न केवल तस्करों और आतंकियों को पकड़ा है, बल्कि सीमापार घुसपैठ की कोशिशों को भी सफलतापूर्वक नष्ट किया है। सितंबर 2023 में, BSF ने एक ऑपरेशन के दौरान पाकिस्तान से हिंदुस्तान में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे 5 आतंकवादियों को गिरफ्तार किया था, जो सुरक्षा बलों की सतर्कता का एक उदाहरण है।

BSF की भूमिका और प्रस्तुतियाँ

BSF के जवानों की संख्या लगभग 2.6 लाख है, जो कि मुख्य रूप से असम, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, पंजाब, और जम्मू-कश्मीर में तैनात हैं। उन्हें प्राकृतिक आपदाओं में सहायता, चुनावों के दौरान सुरक्षा प्रदान करने, और शांति अभियानों में भी योगदान देने के लिए तैनात किया जाता है। BSF के जवान विभिन्न समान्य अभियानों के लिए तैयारी और प्रशिक्षण लेते हैं, जिनमें शारीरिक और मानसिक तैयारी शामिल है।

समापन

BSF न केवल भारत की सीमाओं की सुरक्षा का काम करती है, बल्कि यह देश की आंतरिक सुरक्षा का भी एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। आने वाले वर्षों में, सीमा सुरक्षा बल की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाएगी, क्योंकि वैश्विक आतंकवाद और सीमापार गतिविधियाँ बढ़ रही हैं। भारत सरकार BSF को आधुनिक उपकरण और तकनीकी संसाधन प्रदान कर रही है, जो इसकी कार्यक्षमता को और बढ़ाएंगे। BSF के प्रति जनता का विश्वास इसे एक मजबूत, सुरक्षित और संरक्षित भारत की दिशा में आगे बढ़ने में मदद करेगा।

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