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हार्तालिका तीज 2025: पर्व का महत्व और कैसे मनाएँ

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हार्तालिका तीज 2025 की तारीख

हार्तालिका तीज 2025 का त्यौहार 18 सितंबर, 2025 को मनाया जाएगा। यह भारतीय संस्कृति में विशेष महत्व रखता है और यह मुख्यतः उत्तर भारत में पारंपरिक रूप से मनाया जाता है। इस दिन विशेष रूप से महिलाएँ व्रत रखती हैं और भगवान शिव और पार्वती की आराधना करती हैं।

हार्तालिका तीज का धार्मिक महत्व

हार्तालिका तीज का महत्व विशेष रूप से विवाहित महिलाओं के लिए होता है। यह त्यौहार उन्हें अपने पति की लंबी उम्र और सुखद दांपत्य जीवन के लिए प्रति संकल्पित करता है। कहा जाता है कि इस दिन भगवान शिव और देवी पार्वती ने एक-दूसरे का विवाह किया था। इसके अलावा, इस तीज को मां की पूजा का भी पावन अवसर माना जाता है।

व्रत और त्योहार का आयोजन

हार्तालिका तीज का व्रत रखने वाली महिलाएँ पूरे दिन उपवासी रहती हैं। सुबह स्नान अटल कर पूजा-पाठ और व्रत का आरंभ करती हैं। इस दिन विशेष रूप से सुहागिन महिलाएँ अपने हाथों में मेहंदी लगाती हैं और विशेष तैयारियाँ करती हैं। महिलाएँ पारम्परिक परिधान पहनकर सज-धजकर पूजा स्थल पर जाती हैं। आमतौर पर हरे चूड़ियाँ, बिछुए और अन्य आभूषण पहनने की परंपरा है।

समाज और परिवार के लिए महत्व

हार्तालिका तीज केवल एक धार्मिक पर्व नहीं है, बल्कि यह सामंती घटनाओं और पारिवारिक मेलजोल का भी प्रतीक है। वर्ष में एक बार मनाए जाने वाले इस पर्व के दौरान परिवार के सभी सदस्य एकत्रित होते हैं, जो संयुक्त परिवार की भावना को भी मजबूत करता है।

निष्कर्ष

हार्तालिका तीज 2025 में आ रहा है, यह पर्व न केवल धार्मिक बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। यह पर्व हमें हमारे परंपराओं और संस्कृति की याद दिलाता है। इस पावन अवसर पर सभी को एकत्र होकर अपने धार्मिक और पारिवारिक बांड को मजबूत करने का मौका मिलता है। आने वाले समय में, इस पावन पर्व की मान्यता और भी बड़ी होगी, क्योंकि आत्मीय संबंधों को प्रगाढ़ बनाने की आवश्यकता हर समय बनी रहती है।

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