শুক্রবার, আগস্ট 8

सत्यपाल मलिक: जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल की राजनीतिक यात्रा

0
1

सत्यपाल मलिक: एक संक्षिप्त परिचय

सत्यपाल मलिक, जिन्हें हाल ही में जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल के रूप में उनकी भूमिकाओं के लिए जाना जाता है, भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण figura बने हुए हैं। उनका कार्यकाल विवादास्पद बयानों और घटनाओं के कारण खबरों में रहा है। उनके द्वारा कहे गए कई समीक्षात्मक विचारों ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है।

राजनीतिक करियर का प्रारंभ

सत्यपाल मलिक का जन्म 24 नवंबर 1947 को महाराष्ट्र के बडवानी जिले में हुआ। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा और कॉलेज की शिक्षा एम.पी. के गवर्नमेंट कॉलेज से प्राप्त की। 1968 में कांग्रस पार्टी में शामिल हुए, उन्होंने 1980 में हरियाणा विधानसभा के सदस्य के रूप में अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की।

जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल के रूप में कार्यकाल

मलिक को 2018 में जम्मू-कश्मीर का राज्यपाल नियुक्त किया गया था, और उन्होंने कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर कड़े स्टैंड लिए। उनके प्रशासन के दौरान, उन्होंने अनुच्छेद 370 को समाप्त करने के मुद्दे पर अपने विचार व्यक्त किए, जिसके कारण उन्हें सरकार के भीतर कुछ विरोध का सामना करना पड़ा। उनके कुछ बयानों ने और भी विवाद उत्पन्न किए, जिसके चलते वह कई बार मीडिया में रहे।

विवाद और आलोचना

सत्यपाल मलिक के बयान अक्सर उनके राजनीतिक विरोधियों के साथ-साथ अपने सहयोगियों के लिए भी चर्चा का विषय रहे हैं। उन्होंने कई बार केंद्र सरकार की नीतियों की आलोचना की है, और कई मौके पर यह भी कहा है कि उन्होंने अपने पद से त्यागपत्र देने का विचार किया है। उनके ऐसे बयानों ने उन्हें एक विवादास्पद लेकिन प्रमुख राजनीतिक व्यक्तित्व बना दिया है।

निष्कर्ष

सत्यपाल मलिक का राजनीतिक यात्रा एक ऐसे नेता की कहानी है जो अपनी स्पष्टवादिता और बिना डर के अपनी राय व्यक्त करने के लिए जाने जाते हैं। उनके अतिरिक्‍त प्रभाव के कारण उनकी राजनीति पर नज़र रखना आवश्यक है। भविष्य में भी यह देखना दिलचस्प होगा कि वे भारतीय राजनीति में किस दिशा में चलते हैं और क्या उनकी विवादास्पद टिप्पणियाँ उन्हें नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएंगी या उनकी राह में कठिनाइयाँ उत्पन्न करेंगी।

Comments are closed.