रक्षाबंधन: भाई-बहन के अनमोल रिश्ते का पर्व

रक्षाबंधन का महत्व
रक्षाबंधन, जो हर वर्ष श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है, भाई-बहन के रिश्ते की एक अनमोल पहचान है। इस पर्व का महत्व केवल धार्मिक नहीं है, बल्कि यह सामाजिक और पारिवारिक संबंधों को भी मजबूत बनाता है। भाई द्वारा बहन की सुरक्षा का वचन और बहन द्वारा भाई के लिए प्यार और स्नेह का प्रतीक है।
इतिहास
रक्षाबंधन का इतिहास प्राचीन ग्रंथों और परंपराओं से भरा हुआ है। कहा जाता है कि यह पर्व तब से मनाया जा रहा है जब देवी दुर्गा ने महिषासुर का वध किया था। पारंपरिक मान्यता है कि रानी कर्णावती ने सम्राट हुमायूं को राखी भेजकर मदद के लिए बुलाया था। इस परंपरा ने आज एक व्यापक पर्व का रूप ले लिया है।
समकालीन महत्व
समय के साथ-साथ रक्षाबंधन का पर्व और भी महत्वपूर्ण होता जा रहा है। जैसे-जैसे समाज में बदलाव आ रहा है, बहनों का महत्व भी बढ़ता जा रहा है। भाई-बहन अब सिर्फ पारिवारिक बंधन नहीं, बल्कि सहयोग और समर्थन का प्रतीक भी बनते जा रहे हैं। इस दिन बहनें अपने भाइयों को मिठाई खिलाकर और उपहार देकर उनके प्रति अपने प्रेम और सम्मान का इजहार करती हैं।
निष्कर्ष
रक्षाबंधन का पर्व हमें भाई-बहन के रिश्ते की गहराई और उसके महत्व को समझाता है। यह न केवल एक त्योहार है, बल्कि हमारे संबंधों का प्रतीक भी है। आगामी वर्षों में, इस पर्व के महत्व में वृद्धि होने की संभावना है, क्योंकि यह हमें भावनात्मक रूप से जोड़ता है और हमारे परिवारों को और भी अधिक सशक्त बनाता है।