श्रावण शिवरात्री 2025: तिथि, महत्व और अनुष्ठान

श्रावण शिवरात्री का महत्व
श्रावण शिवरात्री, भगवान शिव की उपासना का प्रमुख दिन है, जो हर साल श्रावण मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाई जाती है। यह पर्व हर हिन्दू धर्मावलंबी के लिए विशेष महत्व रखता है, क्योंकि इस दिन भगवान शिव का पूजन करने से समस्त इच्छाएँ पूरी होती हैं। 2025 में ये दिन विशेष रूप से श्रद्धालुओं के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह बहुत से धार्मिक संस्कारों और अनुष्ठानों को आयोजित करने का समय भी है।
श्रावण शिवरात्री 2025 की तिथि
श्रावण शिवरात्री 2025 में 29 अगस्त, शुक्रवार को मनाई जाएगी। इस दिन श्रद्धालु विशेष पूजा-अर्चना करते हैं। अधिकांश भक्त इस दिन उपवास रखते हैं और रात्रि में भगवान शिव की आराधना करते हैं। शिवरात्री की रात को चार बार पूजा का विधान है, जो भगवान शिव को प्रसन्न करने का एक पारम्परिक तरीका है।
अनुष्ठान और पूजा विधि
इस दिन पूजा विधि में विशेष तौर पर निराहार रहकर भगवान शिव का ध्यान करना, अभिषेक करना और महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना शामिल है। भक्त शिवलिंग पर जल, दूध, शहद और बेलपत्र चढ़ाते हैं। इसके अलावा, मंदिरों में विशेष महाअरती का आयोजन भी होता है।
निष्कर्ष
श्रावण शिवरात्री का पर्व न केवल धार्मिक आध्यात्मिकता को प्रोत्साहित करता है, बल्कि यह समाज में एकता और समर्पण की भावना को भी बढ़ावा देता है। श्रद्धालुओं के लिए, यह समय ध्यान और भक्ति में डूबने का है। 2025 में इसे पूरे उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाना ही चाहिए। इस दिन विशेष पूजा पद्धतियों का पालन करने से भक्तों को उनके जीवन में सुख, समृद्धि और शांति की प्राप्ति होती है।