রবিবার, জুলাই 27

सावन शिवरात्रि: महत्व और उत्सव

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सावन शिवरात्रि का महत्व

सावन शिवरात्रि, जिसे श्रावण मास की शिवरात्रि भी कहा जाता है, हिन्दू धर्म में भगवान शिव की पूजा का एक अत्यंत महत्वपूर्ण पर्व है। यह festival विशेष रूप से श्रावण महीने में आता है, जो जुलाई और अगस्त के बीच आता है। इस दिन भक्तजन निर्जला उपवास रखते हैं और रातभर जागरण कर शिवलिंग का अभिषेक करते हैं।

आस्था और विशेषताएँ

सावन शिवरात्रि को लेकर मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव ने सृष्टि के रक्षक को पैदा किया था। यह दिन विशेष रूप से शिव भक्तों के लिए अत्यधिक महत्व रखता है। भक्तजन इस दिन कांवड़ यात्रा भी करते हैं और गंगा, यमुना जैसी पवित्र नदियों से जल लाकर शिवलिंग पर चढ़ाते हैं। इस पर्व को लेकर विभिन्न स्थानों पर उत्सव मनाए जाते हैं, जहां भक्तजन भक्ति गीत गाते हैं और धार्मिक अनुष्ठान करते हैं।

समर्थन और सामुदायिक आयोजन

देश के विभिन्न हिस्सों में सावन शिवरात्रि के अवसर पर बड़े-बड़े आयोजन किए जाते हैं। मठों और शिवालयों में विशेष पूजा अर्चना का आयोजन किया जाता है। काशी, हरिद्वार, और काठमांडू जैसे स्थानों पर शिव भक्तों की भारी भीड़ होती है। अनेक स्थानों पर भंडारे का आयोजन किया जाता है, जहां भक्तजन एक-दूसरे को प्रसाद के रूप में भोजन बांटते हैं।

निष्कर्ष

सावन शिवरात्रि हिन्दू धर्म में न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह एक सामूहिक उत्सव भी है। इस दिन भक्तजन एकजुट होकर भगवान शिव की अराधना करते हैं, जो उन्हें शांति और एकता का अनुभव कराता है। यह पर्व न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि यह सामाजिक सद्भाव और परस्पर भाईचारे का भी प्रतीक है। इस वर्ष भी सावन शिवरात्रि पर भक्तों का उत्साह देखने लायक रहेगा।

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