মঙ্গলবার, জুলাই 8

वायु गुणवत्ता: वर्तमान स्थिति और भविष्य की चुनौतियाँ

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वायु गुणवत्ता का महत्व

वायु गुणवत्ता मानव स्वास्थ्य, पारिस्थितिकी और जलवायु के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। प्रमुख शहरों में गुणवत्ता में गिरावट, जैसे दिल्ली, मुंबई, और कोलकाता, की वजह से विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं में वृद्धि हो रही है।

वर्तमान स्थिति

हाल ही में, वायुमंडलीय अनुसंधान और भारतीय मौसम विभाग द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार, भारत के कई क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता ने खतरनाक स्तर को पार कर लिया है। जनवरी 2023 में, दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 500 के करीब पहुंच गया, जो अत्यधिक प्रदूषण की श्रेणी में आता है। इसके अलावा, पीएम 2.5 और पीएम 10 जैसे हानिकारक कणों की मात्रा भी कई गुना बढ़ गई है।

स्वास्थ्य पर प्रभाव

नैशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार, खराब वायु गुणवत्ता के कारण ब्रोंकाइटिस, अस्थमा, और अन्य सांस से संबंधित बीमारियाँ बढ़ रही हैं। विशेष रूप से बच्चों और बूढ़ों पर इसका प्रभाव अधिक है। वैश्विक स्तर पर, लाखों मौतें प्रतिवर्ष वायु प्रदूषण से होती हैं, ज्यादातर विकासशील देशों में।

सुधार के उपाय

सरकारी और गैर सरकारी संस्थाएँ वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए कई उपायों पर कार्य कर रही हैं। जैसे कि ‘ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान’ (GRAP) लागू किया गया है, जो प्रदूषण के उच्च स्तर पर तत्काल कदम उठाने के लिए दिशानिर्देश प्रदान करता है। इलेक्ट्रिक वाहनों और पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा देने के साथ-साथ, निर्माण स्थलों और उद्योगों पर प्रदूषण नियंत्रण के नियम भी सख्त किए जा रहे हैं।

निष्कर्ष

वायु गुणवत्ता एक गंभीर वैश्विक चुनौती बन चुकी है, और इसके सुधार के लिए समग्र प्रयासों की आवश्यकता है। यदि हम तत्काल कार्रवाई नहीं करते हैं, तो इसकी गंभीरता आने वाले वर्षों में केवल बढ़ेगी। हमें आने वाली पीढ़ियों के लिए साफ हवा की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए सचेत रहना चाहिए।

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