শনিবার, জুন 21

रक्षा बंधन: भाई-बहन के रिश्ते का प्रतीक

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रक्षा बंधन का महत्व

रक्षा बंधन एक प्रमुख भारतीय त्योहार है, जिसे भाई-बहन के बंधन का उत्सव माना जाता है। यह पर्व हर साल श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है और इसका उद्देश्य भाई-बहन के रिश्ते को मजबूत करना है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं, जिससे उन्हें अपने जीवन में खुशियों और सुरक्षा का आश्वासन मिलता है।

समाज में रक्षा बंधन की भूमिका

रक्षा बंधन केवल एक पर्व नहीं है, बल्कि यह भारतीय समाज में प्रेम, रिश्तों और परिवार की महत्वपूर्णता को दर्शाता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों से विभिन्न उपहार प्राप्त करती हैं और परिवार में एकता की भावना बढ़ती है। यह पर्व न सिर्फ भारत में, बल्कि भारतीय समुदाय के अन्य देशों में भी धूमधाम से मनाया जाता है।

रक्षा बंधन के मूल और परंपराएँ

ऐतिहासिक रूप से, रक्षा बंधन का अर्थ सिर्फ भाई-बहन का प्यार नहीं है, बल्कि यह भाई-बहनों के बीच सुरक्षा और समर्थन का प्रतीक है। कई पौराणिक कहानियाँ भी इस त्योहार से जुड़ी हुई हैं, जैसे कि दुर्गा माता और उनके भाई भगवान शिव के बीच का रिश्ता। बहनें इस दिन अपने भाइयों से सुरक्षा में सहायता की भी प्रार्थना करती हैं।

समय के साथ बदलती परंपराएँ

आधुनिक युग में रक्षा बंधन के त्योहार का स्वरूप भी बदल गया है। अब टेक्नोलॉजी के दौर में, लोग ऑनलाइन भी राखियों का आदान-प्रदान कर रहे हैं। इसके अलावा, बहुत से लोग इस दिन अपने रिश्तेदारों और दोस्तों को वीडियो कॉल या सोशल मीडिया के माध्यम से शुभकामनाएँ भेजते हैं। यह बढ़ती प्राथमिकता इस बात को दर्शाती है कि प्यार और संबंधों को बनाए रखने के लिए भौतिक सीमाएँ अब कोई बाधा नहीं हैं।

निष्कर्ष

रक्षा बंधन केवल एक त्योहार नहीं है, बल्कि यह भाई-बहन के रिश्ते का प्रतीक है। यह हर वर्ष हमें हमारे परिवार और रिश्तों की अहमियत का एहसास कराता है। भविष्य में, उम्मीद की जाती है कि यह त्योहार और भी विविधता और खुशी लेकर आएगा, जिससे भाई-बहनों के बीच का बंधन और भी मजबूत होगा।

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