শুক্রবার, জুন 20

ICBM: आधुनिक युद्ध में इसकी भूमिका

0
2

आईसीबीएम का महत्व

आईसीबीएम, या अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल, एक प्रकार की मिसाइल है जो पृथ्वी के विभिन्न महाद्वीपों के बीच लंबी दूरी तक वार करने की क्षमता रखती है। इन मिसाइलों का विकास सामरिक विवादों और राजनीति के कारण देशों की सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण घटक बन गया है। खासतौर पर ये मिसाइलें तब अहम होती हैं जब चर्चा परमाणु निवारण की होती है।

ICBM की विशेषताएँ और क्षमताएँ

आईसीबीएम की लंबी दूरी की क्षमता, जो 5,500 किलोमीटर (3,400 मील) से अधिक होती है, इसे एक रणनीतिक हथियार बनाती है। इन मिसाइलों में उच्च गति, सटीकता और बड़े पैमाने पर विध्वंसक क्षमता होती है। उदाहरण के लिए, अमेरिकी ट्राइडेंट II और रूसी RS-28 Sarmat जैसे मिसाइलें कुछ प्रमुख आईसीबीएम हैं। इनकी तकनीक लगातार उन्नत की जाती रही है, जिससे इन्हें अपने लक्ष्यों को अधिक सुनिश्चितता से निशाना बनाने की क्षमता मिलती है।

वर्तमान घटनाएँ

हाल के वर्षों में, कई देशों ने अपने आईसीबीएम कार्यक्रम को विकसित किया है। उत्तर कोरिया द्वारा लगातार आईसीबीएम परीक्षण, विशेषकर अमेरिका और उसके सहयोगियों के खिलाफ, वैश्विक सुरक्षा के लिए चिंता का विषय बन गए हैं। 2023 में, उत्तर कोरिया ने अपने नवीनतम परीक्षणों में दावा किया कि उसकी मिसाइलें अमेरिका के बहुत से हिस्सों को निशाना बना सकते हैं। यह इस बात का संकेत है कि वैश्विक शक्ति संतुलन पर इसका प्रभाव पड़ रहा है।

निष्कर्ष

आईसीबीएम का विकास और तैनाती दुनिया के राजनीतिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह न केवल देशों की सैन्य क्षमता को विस्तृत करता है, बल्कि वैश्विक सुरक्षा की अवस्था को भी प्रभावित करता है। भविष्य में, चाहे वह निवारक युद्ध रणनीतियाँ हों या कूटनीतिक रास्ते, आईसीबीएम का महत्व कम नहीं होगा। इसलिए यह जरूरी है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय आईसीबीएम के निरंतर विकास और इसके प्रभावों पर ध्यान दे।

Comments are closed.