বুধবার, জুন 18

NEP और NED: वर्तमान शैक्षणिक परिदृश्य में तुलना

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NEP (राष्ट्रीय शिक्षा नीति) और NED (नई शैक्षणिक दृष्टि) की पृष्ठभूमि

भारत में शिक्षा प्रणाली में सुधार की आवश्यकता को समझते हुए, केंद्रीय सरकार ने 2020 में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) को लागू किया। यह नीति शिक्षा के क्षेत्र में कई क्रांतिकारी बदलाव लाने का प्रयास करती है। वहीं, नई शैक्षणिक दृष्टि (NED) शिक्षण पद्धति में संशोधन के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है, जो अंतर्राष्ट्रीय मानकों और शैक्षणिक आवश्यकताओं के अनुसार विकसित की गई है।

NEP के मुख्य विशेषताएँ

NEP का उद्देश्य भारत में उच्च गुणवत्ता वाली और सर्वसमावेशी शिक्षा प्रदान करना है। यह 3 से 8 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए प्रारंभिक शिक्षा को अनिवार्य करता है और विद्यार्थियों को अनुशासन में सुधार करने के लिए गहरी शिक्षा प्रणाली विकसित करता है। इस नीति में बहु-आयामी शिक्षा, नई प्रौद्योगिकियों का उपयोग और बहुभाषीय शिक्षा पर जोर दिया गया है।

NED की प्रमुख तत्व

NED का मुख्य उद्देश्य शिक्षण का एक व्यावहारिक और चिंतनशील दृष्टिकोण प्रदान करना है। इसके अंतर्गत, छात्रों को Problem-Based Learning (PBL) और Collaborative Learning जैसी विधियों का उपयोग करके ज्ञान अर्जित करने की दिशा में प्रेरित किया जाता है। NED, शिक्षा में नवाचार को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करती है, जिससे छात्र अपने विचारों को आसानी से व्यक्त कर सकें।

NEP और NED के बीच अंतर

NEP शिक्षा के ढांचे में व्यापक सुधार लाने के लिए संपूर्ण नीति है, जो विभिन्न शैक्षणिक गतिविधियों और पहलों को समाहित करती है। दूसरी ओर, NED एक अधिक संकीर्ण दृष्टिकोण अपनाती है, जो शिक्षण की नई विधियों और दृष्टिकोणों पर केंद्रित है। NEP का कार्यान्वयन सरकार द्वारा किया जा रहा है, जबकि NED अधिकतर संस्थानों और शिक्षकों की सहभागिता के साथ लागू होती है।

निष्कर्ष

NEP और NED, दोनों का उद्देश्य शिक्षा के क्षेत्र में सुधार लाना और छात्रों के लिए बेहतर अवसर प्रदान करना है। NEP भारत के शिक्षा प्रणाली को नया रूप देने के लिए एक सशक्त पहल है, जबकि NED शिक्षण विधियों में नवीनता लाने की कोशिश करती है। भविष्य में, इन दोनों का प्रभाव छात्रों की सफलता और शिक्षा में उत्कृष्टता को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण हो सकता है।

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