রবিবার, জুন 15

दंगल: भारतीय कुश्ती का एक प्रेरणादायक सफर

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दंगल फिल्म का महत्त्व

‘दंगल’ एक भारतीय खेल ड्रामा फिल्म है, जो 2016 में रिलीज़ हुई थी। यह फिल्म भारतीय कुश्ती की दुनिया में एक नयी पहचान और महत्व देती है। फिल्म का आधार वास्तविक घटनाओं पर आधारित है, जिनमें महावीर फोगट और उनकी बेटियों, गीता और बबीता, की कहानी दर्शाई गई है। यह फिल्म न केवल मनोरंजन करती है बल्कि लड़कियों के खेल में भागीदारी को भी प्रोत्साहित करती है।

कहानी और प्रदर्शन

फिल्म की कहानी एक पूर्व कुश्ती चैंपियन महावीर फोगट (आमिर खान द्वारा अभिनीत) के इर्द-गिर्द घूमती है, जो अपनी बेटियों को कुश्ती में प्रशिक्षित करने का निर्णय लेते हैं। जब शुरूआत में उन्हें समाज और अपने परिवार से आलोचना का सामना करना पड़ता है, तब भी वह अपने लक्ष्य पर अडिग रहते हैं। गीता और बबीता का संघर्ष और उनकी जीत भारतीय समाज में लड़कियों के प्रति सोच में बदलाव लाने का एक प्रयास है।

दंगल का प्रभाव

‘दंगल’ ने न केवल बॉक्स ऑफिस पर सफलता प्राप्त की बल्कि इसे आलोचकों द्वारा भी प्रशंसा मिली। फिल्म ने दर्शकों में खेल के प्रति रुचि बढ़ाई और कई युवा लड़कियों को कुश्ती में करियर बनाने के लिए प्रेरित किया। यह फिल्म इंटरनेशनल स्तर पर भी सराही गई और कई पुरस्कार भी जीते।

निष्कर्ष

दंगल केवल एक फिल्म नहीं बल्कि एक महत्वपूर्ण संदेश है जिसने भारतीय समाज में खेलों, विशेषकर महिला खेलों की धारणा को बदल दिया। इसने यह साबित कर दिया कि खेल समाज में समानता और अधिकारों के बारे में सोच को प्रभावित कर सकता है। भविष्य में, इस प्रकार की अधिक फिल्में हमारे समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने में सहायक हो सकती हैं।

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