শনিবার, মার্চ 15

नारायण मूर्ति: भारतीय तकनीकी क्षेत्र का चेहरा

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परिचय

नारायण मूर्ति भारतीय तकनीकी उद्योग के एक प्रमुख हस्ताक्षर हैं। उनका प्रबंधन कौशल और उद्यमशीलता ने न केवल उनकी कंपनी, इंफोसिस, को विश्व स्तर पर प्रतिष्ठित किया है, बल्कि पूरे देश की तकनीकी विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। मूर्ति का करियर और उनके विचार आज के युवा उद्यमियों के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं।

इंफोसिस का गठन

1981 में, नारायण मूर्ति ने कुछ अन्य सह-संस्थापकों के साथ मिलकर इंफोसिस की स्थापना की। इस कंपनी ने सॉफ्टवेयर विकास और परामर्श सेवाओं के क्षेत्र में नई ऊंचाइयाँ हासिल कीं। इंफोसिस ने न केवल भारतीय आईटी उद्योग को आकार दिया बल्कि इसे वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी भी बनाया। 1990 के दशक में, मूर्ति की नेतृत्व क्षमता ने इंफोसिस को इस्पात उद्योग और बैंकिंग जैसे क्षेत्रों में भी कार्य करने की अनुमति दी।

उपलब्धियाँ और योगदान

नारायण मूर्ति को उनके व्यवसायिक निर्णयों और नैतिक नेतृत्व के लिए जाना जाता है। वे विश्वभर में उद्यमिता परिज्ञान के प्रतीक बन चुके हैं। मूर्ति ने सामाजिक प्रतिबद्धता को हमेशा प्राथमिकता दी है। उन्होंने ‘Infosys Foundation’ की स्थापना की, जिसका उद्देश्य शिक्षा, स्वास्थ्य, और ग्रामीण विकास में सुधार करना है।

महत्व आज के समय में

आज, नारायण मूर्ति केवल एक व्यवसायी नहीं हैं बल्कि वे एक मार्गदर्शक भी हैं। उन्होंने युवा उद्यमियों को प्रोत्साहित किया है कि वे न केवल व्यवसाय चलाने पर ध्यान दें बल्कि समाजात्मक बदलाव लाने की कोशिश करें। उनके विचार, “सफलता का माप आपके बैंक बैलेंस से नहीं, बल्कि आप कितने लोगों की ज़िंदगी में बदलाव लाते हैं, यह होना चाहिए”।

निष्कर्ष

नारायण मूर्ति एक प्रेरणा हैं जो कहते हैं कि तकनीकी प्रगति और नैतिकता का सम्मिलन किसी भी उद्यम की सफलता की कुंजी है। उनके प्रयासों और दृष्टिकोण का असर आज भी भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देखा जा सकता है। आने वाले समय में वे और उनके सिद्धांत भारतीय उद्यमिता में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहेंगे।

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