সোমবার, ফেব্রুয়ারি 24

गणतंत्र दिवस पर ध्वज का महत्व और समारोह

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गणतंत्र दिवस का महत्व

गणतंत्र दिवस, 26 जनवरी को मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय पर्व है, जब भारत ने 1950 में अपने संविधान को अपनाया था। यह दिन भारतीय लोकतंत्र की स्थिरता और अखंडता का प्रतीक है। गणतंत्र दिवस पर ध्वज फहराना इस पर्व का अभिन्न हिस्सा है, जो देश की संप्रभुता और एकता को दर्शाता है।

झंडा फहराने का समारोह

गणतंत्र दिवस के अवसर पर, नई दिल्ली के राजपथ पर भव्य परेड आयोजित की जाती है, जिसमें भारतीय सशस्त्र बलों की झांकियां, सांस्कृतिक प्रस्तुतियां और देश के विभिन्न राज्यों की कला एवं संस्कृति की झलक देखने को मिलती है। इस अवसर पर राष्ट्रपति द्वारा राष्ट्रीय ध्वज को फहराया जाता है, जो देश की एकता और अखंडता का प्रतीक है। झंडा फहराने के दौरान, भक्तिपूर्ण गीत ‘जन गण मन’ गाया जाता है, जो भारत की विविधता और एकता को दर्शाता है।

ध्वज का महत्व

भारतीय ध्वज, जिसे तिरंगा कहा जाता है, तीन रंगों – केसरिया, सफेद और हरे का मिश्रण है, जिस पर मध्य में एक नीला चक्र है। केसरिया रंग साहस और बलिदान का प्रतीक है, सफेद रंग शांति और सत्य का और हरा रंग समृद्धि का प्रतीक है। अशोक चक्र, जो ध्वज के केन्द्र में है, धर्म के मार्ग पर आगे बढ़ने और सदाचार को दर्शाता है।

उपसंहार

गणतंत्र दिवस पर झंडा फहराना केवल एक समारोह नहीं है, बल्कि यह हमारे सशक्त लोकतंत्र की पहचान है। यह हमें अपने देश के प्रति प्रेम और सम्मान की भावना को फिर से जागृत करता है। इस दिन, हर भारतीय को अपने देश की विविधता, संस्कृति और समृद्ध विरासत का सम्मान करने का अवसर मिलता है। आने वाले वर्षों में, गणतंत्र दिवस का यह ध्वज हमारे देश की एकता और अखंडता का प्रतीक बना रहेगा।

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