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गणतंत्र दिवस 2024: 26 जनवरी का महत्व और इतिहास

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गणतंत्र दिवस का महत्व

भारत का गणतंत्र दिवस, जिसे 26 जनवरी को मनाया जाता है, देश के संविधान के लागू होने की तारीख को चिह्नित करता है। यह दिन न केवल भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, बल्कि यह लोकतंत्र, स्वतंत्रता और सामाजिक समरसता के प्रति देश की प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है। 26 जनवरी, 1950 को भारत ने अपने संविधान को अपनाया, जिससे देश एक संप्रभु गणतंत्र बना।

इतिहास का एक नजरिया

गणतंत्र दिवस का इतिहास 1930 से शुरू होता है जब भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने पूर्ण स्वतंत्रता की घोषणा की थी। बाद में 1947 में भारत को ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता मिली। इसके बाद, 1950 में, भारतीय संविधान को लागू कर देश को एक संवैधानिक गणतंत्र के रूप में स्थापित किया गया। इस दिन भारतीय नागरिक अपने अधिकारों, कर्तव्यों और स्वतंत्रता के प्रति अपनी जागरूकता को प्रदर्शित करते हैं।

गणतंत्र दिवस समारोह

भारत में इस दिन विशेष समारोह आयोजित किए जाते हैं। नई दिल्ली में राजपथ पर हर साल भव्य परेड का आयोजन होता है, जिसमें भारतीय सशस्त्र बल के जवान, विभिन्न राज्यों के सदस्य, और स्कूलों के बच्चे भाग लेते हैं। इस परेड का उद्देश्य न केवल सैन्य शक्ति का प्रदर्शन करना है, बल्कि भारतीय संस्कृति और विविधता को भी प्रस्तुत करना है। इसके अलावा, राष्ट्रपति द्वारा देश को संबोधित किया जाता है और राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं।

निष्कर्ष

26 जनवरी, भारत के गणतंत्र दिवस का पर्व, देशवासियों के लिए एक गर्व और उत्साह का कारण है। यह एक ऐसा दिन है जब भारतीयों को अपने देश की एकता, अखंडता और विविधता का सम्मान करने का अवसर मिलता है। गणतंत्र दिवस केवल एक राष्ट्रीय छुट्टी नहीं है, बल्कि यह हमारे लोकतंत्र के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है। भविष्य में, हम उम्मीद करते हैं कि यह दिन हमारे देश को और अधिक मजबूत और समर्पित बनाता रहेगा।

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