সোমবার, ফেব্রুয়ারি 24

शहीद दिवस: भारतीय सेना की महत्ता और बलिदान

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शहीद दिवस का महत्व

हर साल 15 जनवरी को भारतीय सेना अपने बलिदानों और वीरता के सम्मान में ‘शहीद दिवस’ मनाती है। यह दिन 1949 में भारतीय सेना के पहले प्रमुख जनरल के.एम. करियप्पा के द्वारा सेना की कमान संभालने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। यह दिन देश की सुरक्षा और राष्ट्रीय एकता के प्रतीक के रूप में भी महत्वपूर्ण है, जो हमें भारतीय सेना के प्रति अपनी कर्तव्य परायणता और शौर्य को याद दिलाता है।

समारोह और कार्यक्रम

हर साल देश भर में विभिन्न राज्य, कार्यालय और सेना मुख्यालय में इस दिन को विशेष समारोहों और कार्यक्रमों के माध्यम से मनाते हैं। इस दिन, श्वेत-सरकारी चरण से शहादत की कहानियों को सुनाया जाता है, और शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है। भारतीय राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री जैसे प्रमुख नेता इस अवसर पर विशेष कार्यक्रमों में भाग लेते हैं।

समाज में भारतीय सेना का योगदान

भारतीय सेना न केवल युद्धक्षेत्र में बल्कि समाज में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। प्राकृतिक आपदाओं में राहत कार्य करने से लेकर, शांति सहयोग मिशनों में भागीदारी तक, भारतीय सेना ने हमेशा राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ-साथ समाज के विकास में भी आवश्यक योगदान दिया है।

निष्कर्ष

शहीद दिवस हमारे देश के वीर सैनिकों को याद करने और उनके साहस का सम्मान करने का एक अवसर है। इस दिन हम सभी को यह प्रण लेना चाहिए कि हम भारतीय सेना की तरह देश की सेवा और सुरक्षा में तत्पर रहेंगे। आने वाले वर्षों में, यह दिन केवल गौरव और श्रद्धांजलि का प्रतीक नहीं, बल्कि हमारे देश के प्रति हमारी प्रतिबद्धता और प्रेम का भी प्रतीक बनेगा।

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