শুক্রবার, ডিসেম্বর 19

गोवा मुक्ति दिवस: इतिहास और महत्त्व

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गोवा मुक्ति दिवस का महत्व

गोवा मुक्ति दिवस, जो हर वर्ष 19 दिसंबर को मनाया जाता है, भारत का एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक दिन है। यह दिन उन साहसी संघर्षों का प्रतीक है, जिनके माध्यम से गोवा ने 1961 में पुर्तगाल की औपनिवेशिक गुलामी से स्वतंत्रता प्राप्त की। गोवा की स्वतंत्रता, न केवल राज्य के निवासियों के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि थी, क्योंकि यह भारत की संप्रभुता और अखंडता की एक और मील का पत्थर था।

इतिहास की पृष्ठभूमि

गोवा 450 वर्षों से पुर्तगाली शासन के अधीन था। 1961 में, भारत सरकार ने ऑपरेशन विजय नामक एक सैन्य अभियान शुरू किया और गोवा को स्वतंत्रता दिलाने के लिए तैयार हुई। 19 दिसंबर 1961 को जवाबी कार्रवाई में भारतीय सेना ने गोवा में प्रवेश किया और केवल 36 घंटे के भीतर उसे स्वतंत्रता दिलाई। इस ऑपरेशन में, भारतीय सैनिकों ने साहसिकता और सूझबूझ के साथ काम किया।

गोवा मुक्ति दिवस मनाने के तरीके

हर वर्ष, गोवा मुक्ति दिवस के अवसर पर राज्य भर में कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इसका जश्न मुख्यत: सरकारी समारोहों और सामुदायिक कार्यक्रमों के माध्यम से मनाया जाता है। इस दिन लोग परेड, भाषण, और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं। गोवा के कई शहरों में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जहां लोग अपने पूर्वजों की बहादुरी और बलिदान को याद करते हैं।

निष्कर्ष

गोवा मुक्ति दिवस केवल एक छुट्टी नहीं है, यह एक ऐसा दिन है जो हमारे इतिहास के उस महत्वपूर्ण मोड़ का प्रतिनिधित्व करता है जब गोवा ने स्वतंत्रता प्राप्त की। यह नागरिकों में एकजुटता और राष्ट्रीय गर्व की भावना को बढ़ावा देता है। आने वाले वर्षों में, गोवा में इस दिन के महत्व को और अधिक उजागर करने की आवश्यकता है, ताकि आने वाली पीढ़ियों को गोवा की स्वतंत्रता की लड़ाई और इसकी उपलब्धियों के बारे में जानकारी मिल सके।

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