রবিবার, নভেম্বর 2

एकादशी कब है: जानकारी और महत्व

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एकादशी का महत्व

हिंदू धर्म में एकादशी का विशेष महत्व है। यह प्रत्येक महीने की शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की ग्यारहवीं तिथि होती है, जब श्रद्धालु उपवास रखते हैं। एकादशी का उद्देश्य धर्म, भक्ति और साधना को बढ़ावा देना है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा होती है। प्राचीन समय से ही इस दिन व्रत रखने की परंपरा रही है, जो व्यक्ति को मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य का अनुभव कराने में सहायक होती है।

2023 में एकादशी के तिथियाँ

वर्ष 2023 में एकादशी की तिथियाँ निम्नलिखित हैं:

  • जनवरी: 2 (शुक्ल पक्ष), 17 (कृष्ण पक्ष)
  • फरवरी: 1 (शुक्ल पक्ष), 15 (कृष्ण पक्ष)
  • मार्च: 2 (शुक्ल पक्ष), 18 (कृष्ण पक्ष)
  • अप्रैल: 1 (शुक्ल पक्ष), 16 (कृष्ण पक्ष)
  • मई: 1 (शुक्ल पक्ष), 15 (कृष्ण पक्ष)
  • जून: 14 (शुक्ल पक्ष), 29 (कृष्ण पक्ष)
  • जुलाई: 14 (शुक्ल पक्ष), 28 (कृष्ण पक्ष)
  • अगस्त: 12 (शुक्ल पक्ष), 27 (कृष्ण पक्ष)
  • सितंबर: 11 (शुक्ल पक्ष), 26 (कृष्ण पक्ष)
  • अक्टूबर: 11 (शुक्ल पक्ष), 25 (कृष्ण पक्ष)
  • नवंबर: 10 (शुक्ल पक्ष), 24 (कृष्ण पक्ष)
  • दिसंबर: 9 (शुक्ल पक्ष), 23 (कृष्ण पक्ष)

व्रत का पालन

एकादशी के दिन व्रत रखने वाले श्रद्धालु आमतौर पर अनाज, नमक और मांसाहारी भोजन से परहेज करते हैं। भक्त केवल फल, सूखे मेवे और दूध का सेवन करते हैं। इस दिन भक्ति और साधना की एक विशेष भावना अपने आप में होती है। व्रत रखने से मन को शांति मिलती है और भगवान में गहरी आस्था का संबंध बनता है।

निष्कर्ष

एकादशी का व्रत व्यक्ति की आध्यात्मिक वृद्धि में सहायक होता है। इन तिथियों को पालन करना न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है बल्कि यह मन और शरीर के स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी है। इसलिए, हर श्रद्धालु को इसे अपने जीवन का एक अभिन्न हिस्सा बनाना चाहिए।

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