कार्तव्य पथ: एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थल

कार्तव्य पथ का परिचय
कार्तव्य पथ, जिसे पहले राजपथ के नाम से जाना जाता था, नई दिल्ली का एक महत्वपूर्ण स्थल है। यह स्थान भारतीय गणेश से, खासकर गणतंत्र दिवस परेड जैसे राष्ट्रीय उत्सवों का आयोजन करने के लिए प्रसिद्ध है। कार्तव्य पथ का नाम परिवर्तन पिछले वर्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया था, जिसका उद्देश्य भारतीय संस्कृति तथा अतीत की महत्ता को पुनर्परिभाषित करना था।
कार्तव्य पथ का ऐतिहासिक महत्व
कार्तव्य पथ, 1931 में ब्रिटिश शासन के दौरान स्थापित हुआ था। इसे पहले राजपथ के नाम से जाना जाता था और यह दिल्ली के प्रमुख ऐतिहासिक स्थलों में से एक है। यह स्थल राष्ट्रपति भवन से लेकर इंडिया गेट तक फैला हुआ है, जो भारतीय राजनीति और संस्कृति का प्रतीक है। यहाँ हर वर्ष 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस परेड आयोजित की जाती है, जहाँ भारतीय सेना अपनी शक्ति और एकता का प्रदर्शन करती है।
हालिया घटनाक्रम
हाल के दिनों में, कार्तव्य पथ पर देश की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को प्रदर्शित करने के उद्देश्य से कई कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं। इस स्थान पर पर्यटकों के लिए नए संग्रहालय भी खोले गए हैं, जिसमें भारतीय संस्कृति और संतों की कहानियों का प्रदर्शन किया गया है। इसके अलावा, कार्तव्य पथ को और ज्यादा सजाने के लिए सजावटी कार्यक्रम भी चलाए गए हैं, जिससे यहाँ आने वाले पर्यटकों और नागरिकों को एक नया अनुभव मिल सके।
निष्कर्ष
कार्तव्य पथ न केवल एक भौतिक स्थल है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और एकता का प्रतीक भी है। इस स्थल का महत्व समय के साथ साथ बढ़ता जा रहा है। भविष्य में कार्तव्य पथ को और विकसित करने की योजनाएं हैं, जिससे यह और भी अधिक लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगा। यह स्थल आने वाली पीढ़ियों को हमारी ऐतिहासिक विरासत और स्थानीय संस्कृति को समझने में मदद करेगा।


