শনিবার, অক্টোবর 25

भाई दूज: भाई-बहन के रिश्ते का विशेष दिन

0
3

भाई दूज का परिचय

भाई दूज, जो दीपावली के दूसरे दिन मनाया जाता है, भारतीय संस्कृति में भाई-बहन के रिश्ते का अनोखा उत्सव है। यह दिन भाई-बहन के रिश्ते को दर्शाने के लिए महत्वपूर्ण है और इसे पूरे देश में खुशी और उमंग के साथ मनाया जाता है। इस त्यौहार का खास महत्व है क्योंकि यह भाई-बहन के बीच प्रेम, स्नेह और सुरक्षा का प्रतीक है।

उत्सव की परंपरा

भाई दूज पर, बहनें अपने भाई की लंबी उम्र और खुशियों की कामना करती हैं। इस दिन बहनें अपने भाई को भोजन कराती हैं और उनकी कलाई पर तिलक करती हैं। इसके बदले में भाई अपनी बहन को उपहार देते हैं और उनकी सुरक्षा का वादा करते हैं। यह परंपरा सदियों से चली आ रही है और आज भी लोगों के बीच बहुत लोकप्रिय है।

भाई दूज का विशिष्ट उत्सव

इस वर्ष, भाई दूज का त्योहार 15 नवंबर 2023 को मनाया जाएगा। इसे विभिन्न रीति-रिवाजों और परंपराओं के साथ मनाया जाता है, जो क्षेत्र के अनुसार बदल सकते हैं। कुछ स्थानों पर, भाई दूज को ‘यम द्वितीया’ भी कहा जाता है, जो यमराज और यमुनाजी की पूजा का दिन है। इस दिन को मनाने का एक प्रमुख उद्देश्य भाई-बहन के रिश्ते को मजबूत करना है।

भविष्य की प्रासंगिकता

भाई दूज केवल एक त्यौहार नहीं है, बल्कि यह भारतीय परिवारों में रिश्तों की महत्ता को दर्शाता है। बदलते समय के साथ, जब परिवारों की संरचना भी बदल रही है, ऐसे उत्सव लोगों को एकत्रित करने और पारिवारिक बंधनों को मजबूत करने का अवसर देते हैं। आने वाले समय में, भाई दूज जैसे त्योहारों का महत्व और भी बढ़ेगा, क्योंकि ये सदियों पुरानी परंपराओं को जीवित रखते हैं।

अंत में, भाई दूज का त्योहार हमें हमारे रिश्तों की अहमियत को याद दिलाता है और हमें एक-दूसरे की ओर प्रेम और समर्थन की भावना से जोड़ता है।

Comments are closed.