শনিবার, অক্টোবর 25

Chhath Geet: Bhakti aur Parampara ki Ek Jhalak

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चैठ पर्व का महत्व

छठ पूजा एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो मुख्यतः बिहार, झारखंड और यूपी के कुछ इलाकों में मनाया जाता है। इस पर्व का समर्पण सूर्य देवता और उनकी पत्नी उषा को होता है। श्रद्धालु इस अवसर पर विशेष गीत गाते हैं जिन्हें छठ गीत कहा जाता है। ये गीत न केवल भक्तिपूर्ण होते हैं, बल्कि इनमें संस्कृतिक और पारंपरिक तत्व भी समाहित होते हैं।

छठ गीतों की विशेषताएँ

छठ गीतों में सूर्य देवता की महिमा का गान, प्राकृति के प्रति आभार तथा कठिन समर्पण का भाव ताजा होता है। ये गीत आमतौर पर भोजपुरी, मैथिली और हिंदी में होते हैं। भक्तगण दिन भर उपवास रखते हैं और संध्या व प्रातःकाल इन गीतों के माध्यम से अपने भावनाओं का इजहार करते हैं।

छठ गीतों का इतिहास

छठ गीतों की परंपरा सदियों से चली आ रही है। ये गीत केवल धार्मिक दृष्टिकोण से नहीं, बल्कि समाज की एकता और सांस्कृतिक धरोहर को भी मजबूती प्रदान करते हैं। कई प्रसिद्ध संगीतकारों ने छठ गीतों को आधुनिक रूप में प्रस्तुत किया है, जो आज के युवाओं के बीच भी लोकप्रिय हो रहे हैं।

छठ महापर्व 2023

वर्तमान में, छठ महापर्व 2023 में अनेक स्थानों पर धूमधाम से मनाया गया। भक्त अपनी शुभकामनाएँ कुर्बान करते हुए प्रियजनों के साथ मिलकर छठ गीत गाते हैं। छठ पर्व के अवसर पर कई सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं जहां गीतों की प्रस्तुतियाँ होती हैं।

निष्कर्ष

छठ गीत हमें हमारे पारिवारिक और सांस्कृतिक मूल्यों की याद दिलाते हैं। ये गीत न केवल पूजा का हिस्सा होते हैं, बल्कि हमारे दैनिक जीवन में प्रेम, भक्ति और एकता की भावना का संचार करते हैं। आने वाले समय में, छठ गीतों की लोकप्रियता और भी बढ़ेगी, क्योंकि हमारे समाज में परंपराओं को जीवित रखने का माहौल है।

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