সোমবার, অক্টোবর 20

बीपी: स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण संकेतक

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बीपी का महत्त्व

बीपी, या रक्तचाप, स्वास्थ्य की एक महत्वपूर्ण स्थिति को दर्शाता है। यह हमारे शरीर के रक्त के दबाव को मापता है जबकि यह दिल से निकलता है और रक्तवाहिकाओं के माध्यम से प्रवाहित होता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, उच्च रक्तचाप दुनिया भर में मौतों के मुख्य कारणों में से एक है, जिससे दिल की बीमारियों और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।

बीपी के प्रकार

बीपी मुख्य रूप से दो प्रकार का होता है: सिस्टोलिक और डायस्टोलिक। सिस्टोलिक रक्तचाप दिल के धड़कने के समय मापा जाता है, जबकि डायस्टोलिक रक्तचाप उस समय होता है जब दिल आराम करता है। सामान्य बीपी स्तर 120/80 मिमी एचजी माना जाता है। अगर यह 130/80 मिमी एचजी से अधिक हो जाता है, तो यह उच्च रक्तचाप की स्थिति है।

बीपी की माप एवं महत्व

हाल के अध्ययनों के अनुसार, भारत में उच्च रक्तचाप से पीड़ित लोगों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। 2023 में आई एक रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 33% वयस्क भारतीय उच्च रक्तचाप से ग्रसित हैं। इससे यह साबित होता है कि व्यक्ति के लिए नियमित रूप से अपनी बीपी की जांच कराना अत्यंत आवश्यक हो गया है। बीपी की नियमित जांच से इससे बचे रहने के उपाय और संभावित स्वास्थ्य समस्याओं की पहचान करना सरल होता है।

निष्कर्ष

बीपी न केवल हमारे स्वास्थ्य के लिए एक महत्वपूर्ण संकेतक है, बल्कि यह जीवनशैली के विकल्पों और आहार पर भी गहरी निर्भरता रखता है। जैसे-जैसे बीपी की समस्या बढ़ रही है, इसके प्रति जागरूकता और निवारण के लिए कदम उठाना आवश्यक हो गया है। नियमित व्यायाम, संतुलित आहार और तनाव प्रबंधन के उपाय अपनाकर हम अपने बीपी स्तर को नियंत्रित कर सकते हैं।

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