বৃহস্পতিবার, নভেম্বর 13

काली चौदस 2025: व्रत और महत्व

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काली चौदस का महत्व

काली चौदस, जिसे ‘धनतेरस’ से पहले का दिन माना जाता है, हिन्दू धर्म में विशेष महत्व रखता है। यह दिन मुख्य रूप से देवी काली की पूजा के लिए समर्पित है। काली चौदस का व्रत धनतेरस से पहले आता है और यह इस बात का प्रतीक है कि बुराई पर अच्छाई की जीत होती है। इस दिन, भक्त लोग देवी काली की उपासना करके अपने जीवन से बुराइयों को दूर करने की प्रार्थना करते हैं।

काली चौदस 2025 की तारीख

काली चौदस 2025 में 23 अक्टूबर को मनाई जाएगी। इस दिन को लेकर विभिन्न धार्मिक मान्यताएँ और परंपराएँ हैं। लोग इस दिन विशेष रूप से पूजा पाठ करते हैं। व्रति लोग उपवास रखते हैं और संध्या को देवी काली की पूजा करते हैं।

काली चौदस की विशेषताएँ

काली चौदस व्रत के दौरान भक्तों को कई नियमों का पालन करना होता है। इस दिन विशेष रूप से उपवास रखा जाता है, और रात्रि में देवी काली की आरती की जाती है। इसके साथ ही मिठाई और विशेष प्रसाद बनाकर देवी को अर्पित किया जाता है। यह माना जाता है कि इस दिन पूजा अर्चना करने से व्यक्ति पर देवी काली की कृपा बनी रहती है, और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।

निष्कर्ष

काली चौदस का व्रत न केवल धार्मिक बल्कि सांस्कृतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। यह दिन भक्तों को संयम और शुद्धता का पाठ पढ़ाता है। 2025 में काली चौदस मनाते समय भक्तों को विशेष ध्यान देना चाहिए कि वे सही तरीके से विधि-विधान का पालन करें, जिससे अधिकतम लाभ प्राप्त हो सके। इस दिन की पूजा से जीवन में समृद्धि और खुशहाली लाने की प्रार्थना की जाती है।

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