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2 अक्टूबर: महात्मा गांधी की जयंती और अहिंसा का महत्व

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2 अक्टूबर का महत्व

2 अक्टूबर को भारत में महात्मा गांधी की जयंती के रूप में मनाया जाता है। यह दिन सिर्फ भारत में नहीं, बल्कि पूरे विश्व में शांति और अहिंसा का प्रतीक है। महात्मा गांधी का जन्म 1869 में पोरबंदर, गुजरात में हुआ था और उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अहम भूमिका निभाई।

अहिंसा और गांधी का दर्शन

गांधी जी का अहिंसा का सिद्धांत आज भी लोगों को प्रेरित करता है। उनका मानना था कि बिना किसी हिंसा के भी बड़े सामाजिक और राजनीतिक बदलाव किए जा सकते हैं। उनकी इस सोच ने भारत को स्वतंत्रता दिलाने में मदद की और आज भी यह सिद्धांत अनेक आंदोलनों और संघर्षों में अपनाया जाता है।

गांधी जयंती पर सार्वजनिक कार्यक्रम

हर साल 2 अक्टूबर को, अनेक सार्वजनिक कार्यक्रम आयोजित किए जातें हैं। यह दिन स्वच्छता ही सेवा अभियान के रूप में भी मनाया जाता है, जो 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किया गया था। लोगों को इस दिन अपनी सफाई के प्रति जागरूक करने के लिए प्रेरित किया जाता है। स्कूलों, कॉलेजों और सरकारी संस्थानों में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम और प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं।

निष्कर्ष

2 अक्टूबर का दिन भारतीय समाज और संस्कृति में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। यह दिन न केवल महात्मा गांधी की विरासत को याद करता है, बल्कि हमें अपने समाज में अहिंसा और शांति के मूल्य स्थापित करने के लिए भी प्रोत्साहित करता है। भविष्य में, यह आशा की जा सकती है कि 2 अक्टूबर को केवल एक जयंती के रूप में नहीं, बल्कि शांति और सहिष्णुता का संसार भर में फैलता हुआ संदेश के रूप में मनाया जाए।

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