সোমবার, সেপ্টেম্বর 29

STET बिहार: महत्व, घटनाएँ और भविष्य के संकेत

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STET बिहार का परिचय

STET (स्ट्रेटेड टीचर एलीवेशन टेस्ट) बिहार राज्य में शिक्षकों के चयन के लिए एक महत्वपूर्ण परीक्षा है। यह परीक्षा शिक्षकों की गुणवत्ता और उनकी पात्रता को सुनिश्चित करने के लिए आयोजित की जाती है। यह प्रक्रिया न केवल शिक्षकों की चयन में मदद करती है, बल्कि शिक्षा के स्तर में सुधार लाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

हालिया घटनाएँ

हाल ही में, बिहार राज्य शैक्षणिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (BSEB) ने STET 2023 की परीक्षा का आयोजन किया। इस वर्ष में, परीक्षा में भाग लेने वाले उम्मीदवारों की संख्या में वृद्धि हुई, जिससे यह संख्या 2 लाख से अधिक हो गई। यह स्पष्ट करता है कि शिक्षक बनने की इच्छा रखने वाले युवा अभ्यर्थियों के बीच STET का प्रति विशेष रुचि है।

परीक्षा की प्रक्रिया

STET परीक्षा में दो मुख्य पेपर होते हैं: पेपर-1 और पेपर-2। पेपर-1 नर्सरी से कक्षा 5 तक के शिक्षक पदों के लिए है, जबकि पेपर-2 कक्षा 6 से कक्षा 8 तक के शिक्षक पदों के लिए है। परीक्षा का स्वरूप सामान्य ज्ञान, सामयिकी, और विषय विशेष ज्ञान पर आधारित होता है। हाल के वर्षों में, प्रश्न पत्रों की कठिनाई स्तर में भी बदलाव आया है, जो कि शिक्षा प्रणाली में सुधार के लिए आवश्यक है।

भविष्य की संभावनाएँ

STET बिहार के शिक्षकों की गुणवत्ता को न केवल बढ़ाएगा, बल्कि शैक्षणिक मानकों को भी ऊँचा उठाएगा। शिक्षा मंत्री ने कहा है कि सरकार शिक्षा के क्षेत्र में सुधार लाने के लिए हर संभव प्रयास करेगी। STET परीक्षा के माध्यम से शिक्षकों की सक्षमता को मान्यता देकर, अपेक्षित शिक्षण प्रणाली में सुधार की दिशा में कदम बढ़ाए जा रहे हैं।

निष्कर्ष

STET बिहार एक महत्वपूर्ण परीक्षा है, जिसका उद्देश्य मानसिकता और अध्यापन की गुणवत्ता को उन्नत करना है। यह परीक्षा अधिक प्रतिस्पर्धी हो रही है, और इसके द्वारा चुने गए शिक्षक आने वाली पीढ़ियों को एक बेहतर शिक्षा देने में सक्षम होंगे। यह न केवल वर्तमान, बल्कि भविष्य के लिए भी शिक्षा प्रणाली की दिशा बदलने में सहायक सिद्ध होगा।

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