বুধবার, সেপ্টেম্বর 24

सैम पित्रोदा: भारत के तकनीकी विकास के अग्रदूत

0
11

सैम पित्रोदा का परिचय

सैम पित्रोदा, जिन्हें अक्सर भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी के जनक के रूप में जाना जाता है, ने भारत में तकनीकी परिवर्तन लाने में अहम भूमिका निभाई है। उनकी नेतृत्व क्षमता और दूरदर्शिता ने उन्हें न केवल भारत में, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी एक प्रतिष्ठित व्यक्तित्व बना दिया है।

तकनीकी परिवर्तन का मार्ग प्रशस्त करना

1980 के दशक में, सैम पित्रोदा ने भारतीय दूरसंचार उद्योग में क्रांतिकारी परिवर्तन के लिए महत्वपूर्ण पहल की। उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी के साथ मिलकर, भारतीय दूरसंचार नेटवर्क का विकास करने के लिए कई योजनाएं बनाई। उनके प्रयासों के कारण, भारत ने अपने दूरसंचार कार्यक्रम को तेजी से बढ़ाया, जिससे ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में संचार सेवाओं की पहुंच बढ़ी।

सामाजिक विकास में योगदान

सैम पित्रोदा का योगदान केवल तकनीक तक सीमित नहीं था। उन्होंने सामाजिक विकास के अनेक पहलुओं पर भी ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य और महिलाओं के अधिकारों के लिए कई पहलें चलाईं। उनका मानना है कि तकनीकी विकास समाज के विकास के लिए आवश्यक है और इसे हर स्तर तक पहुंचाया जाना चाहिए।

हाल की गतिविधियाँ और भविष्य के दृष्टिकोण

हाल ही में, सैम पित्रोदा ने भारत में स्टार्टअप और नवाचार की बढ़ती प्रवृत्ति को समर्थन देने के लिए कई प्लेटफार्मों की स्थापना की है। वे युवा उद्यमियों को प्रोत्साहित करते हैं और उन्हें अपने विचारों को साकार करने का अवसर प्रदान करते हैं। उनके द्वारा स्थापित ‘साचल सपना’ जैसे कार्यक्रम भारत की युवा शक्ति को सशक्त बनाने के लिए कार्य कर रहे हैं।

निष्कर्ष

सैम पित्रोदा का जीवन और उनके कार्य हमें यह सिखाते हैं कि एक व्यक्ति अपनी दृढ़ता और ज्ञान के माध्यम से समाज में बड़ा बदलाव ला सकता है। उन्होंने साबित किया है कि तकनीकी और सामाजिक विकास एक-दूसरे के पूरक हैं। आने वाले वर्षों में, उनकी प्रेरणा और दृष्टिकोण से युवा पीढ़ी को आगे बढ़ने में मदद मिलेगी, जो कि भारत की प्रगति के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

Comments are closed.