রবিবার, সেপ্টেম্বর 14

सार्वजनिक टीवी: समाज में उसका महत्व और वर्तमान स्थिति

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सार्वजनिक टीवी का महत्व

सार्वजनिक टीवी दुनिया भर में स्वतंत्रता, जानकारी और जनसमूह की सेवा का एक महत्वपूर्ण साधन है। यह असल में देश के नागरिकों को महत्वपूर्ण मुद्दों से प्रभावित होने और समझने में मदद करता है। विशेषकर, जब हम सामाजिक मुद्दों की बात करते हैं, तो सार्वजनिक टीवी लोगों के विचारों को आकार देने और जन जागरूकता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

वर्तमान परिदृश्य

भारत में, सार्वजनिक टीवी का विकास सीमित संसाधनों के बावजूद निरंतर गति में है। भारतीय जन संचार निगम लिमिटेड (Doordarshan) की स्थापना 1959 में हुई थी और उसके बाद से यह प्रमुख समाचार, सांस्कृतिक कार्यक्रम, और शैक्षिक कार्यक्रमों का प्रसारण कर रहा है। हाल के वर्षों में, विशेषकर कोविड-19 महामारी के दौरान, सार्वजनिक टीवी ने अपने समाचारों और सूचना सामग्री को और भी अधिक महत्वपूर्ण बना दिया है, लोगों को सही और सटीक जानकारी प्रदान करते हुए।

सामाजिक मुद्दों पर प्रकाश डालना

सार्वजनिक टीवी ने नागरिकों को सामाजिक मुद्दों, जैसे कि स्वास्थ्य, शिक्षा, और पर्यावरण के मामलों में जागरूक किया है। उदाहरण के लिए, डिजिटल भारत योजना पर चर्चा करने वाले कार्यक्रमों ने लोगों को तकनीकी साक्षरता और सरकार की योजनाओं के बारे में जानकारी दी है। इसके माध्यम से, लाखों लोग बदलाव के लिए प्रेरित हुए हैं।

भविष्य की संभावनाएँ

आने वाले समय में, सार्वजनिक टीवी को न केवल और अधिक जन सहभागिता के लिए आगे बढ़ना होगा, बल्कि नई तकनीकी प्रवृत्तियों जैसे कि ऑनलाइन स्ट्रीमिंग और इंटरैक्टिव कंटेंट के माध्यम से भी खुद को अपडेट करना होगा। यह जरूरी है कि सार्वजनिक टीवी ने समाज के प्रत्येक वर्ग को अपने अंदर समाहित किया है और बहु-सांस्कृतिक समाज की आवाज़ को सुना जाए।

निष्कर्ष

सार्वजनिक टीवी समाज के विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसके माध्यम से, न केवल जनसमूह को सूचना प्रदान की जाती है, बल्कि यह नागरिकों के विचारों को भी प्रभावित करता है। समय के साथ, इसे नई चुनौतियों का सामना करना होगा, लेकिन इसका लक्ष्‍य सदैव समाज की सेवा करना और जागरूकता फैलाना होना चाहिए।

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