রবিবার, সেপ্টেম্বর 14

NFSA: राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम की महत्ता

0
3

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम का अवलोकन

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA), भारत सरकार द्वारा 2013 में लागू किया गया था, जिसका उद्देश्य देश के सभी नागरिकों को सस्ती और सुसंगत खाद्य सुरक्षा प्रदान करना है। यह अधिनियम खाद्य सुरक्षा को एक अधिकार के रूप में मान्यता देता है और यह सुनिश्चित करता है कि कमजोर वर्गों को खाद्य वस्तुओं की उपलब्धता हो।

अधिनियम की प्रमुख विशेषताएँ

NFSA के अंतर्गत प्रत्येक व्यक्ति को उन्हें आवश्यक कैलोरी और पोषण प्रदान करने के लिए अनाज का वितरण किया जाता है। यह अधिनियम प्रति माह प्रति व्यक्ति 5 किलोग्राम खाद्यान्न की आपूर्ति करता है, जिसमें अनाज, चावल, और गेहूं शामिल हैं। विशेष रूप से, इससे महिलाओं, बच्चों और वृद्ध नागरिकों को लाभ मिलता है।

हाल के प्रयास और घटनाएँ

सीमा पार भोजन की उपलब्धता के लिए हाल ही में केंद्रीय खाद्य मंत्रालय ने कई पहल की हैं, जिसमें राज्यों को NFSA प्रावधानों के तहत खाद्य सुरक्षा योजनाओं को लागू करने के लिए प्रोत्साहित किया गया है। साथ ही, देशभर में पोषण संबंधी जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप, कई राज्यों में खाद्य सुरक्षा के स्तर में सुधार देखा जा रहा है।

निष्कर्ष और भविष्य की दिशा

NFSA का समर्पण खाद्य सुरक्षा और पोषण में महत्वपूर्ण सुधार लाने की दिशा में एक ठोस प्रयास है। इससे न केवल गरीबों और वंचितों को सस्ते अनाज की उपलब्धता सुनिश्चित होती है, बल्कि जनसंख्या के स्वास्थ्य स्तर में भी सुधार होता है। भविष्य में, यदि यह अधिनियम प्रभावी ढंग से लागू होता है, तो भारत में भूख और कुपोषण की समस्या का समाधान करने में मदद मिल सकती है। यह देश की सामाजिक सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है और इसके दीर्घकालिक प्रभाव आने वाले वर्षों में देखने को मिलेंगे।

Comments are closed.