শনিবার, সেপ্টেম্বর 6

भाद्रपद शुक्ल द्वादशी: हिंदू पंचांग में आज की तिथि का विशेष महत्व और धार्मिक अनुष्ठान

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आज की तिथि का परिचय

4 सितंबर 2025 को भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष द्वादशी तिथि है, जो अगले दिन प्रातः 4:08 बजे तक रहेगी।

तिथि का महत्व और पंचांग विज्ञान

तिथि हिंदू पंचांग के पांच मुख्य तत्वों में से एक है। यह चंद्रमा द्वारा सूर्य से अपनी दूरी 12 डिग्री बढ़ाने में लिया गया समय है। सरल शब्दों में, एक तिथि एक चंद्र दिवस है और तिथि कैलेंडर हिंदू चंद्र कैलेंडर को दर्शाता है।

धार्मिक महत्व और अनुष्ठान

पंचांग के पांच प्रमुख घटक हैं – तिथि (चंद्र दिनांक), वार (सप्ताह का दिन), नक्षत्र (चंद्र नक्षत्र), योग (सूर्य और चंद्रमा की संयुक्त स्थिति), और करण (तिथि का आधा भाग)। ये पांच घटक मिलकर किसी भी दिन की शुभता या अशुभता का निर्धारण करते हैं। इनका उपयोग धार्मिक अनुष्ठानों, त्योहारों और अन्य महत्वपूर्ण कार्यक्रमों के समय निर्धारण के लिए किया जाता है।

आज का विशेष समय

दैनिक पंचांग के माध्यम से आप किसी शुभ कार्य या नए उपक्रम को प्रारंभ करने के लिए सर्वाधिक उपयुक्त समय का निर्धारण कर सकते हैं, जिससे नकारात्मक प्रभावों और अनावश्यक संघर्षों से बचा जा सकता है। प्राचीन ऋषियों और वेदों के अनुसार, जब कोई व्यक्ति पर्यावरण के साथ सामंजस्य में कार्य करता है, तो पर्यावरण भी सामंजस्यपूर्ण तरीके से प्रतिक्रिया करता है। हिंदू पंचांग अपने अनुयायियों को पर्यावरण के साथ सामंजस्य में कार्य करने में मदद करता है।

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