पारगट सिंह: हॉकी में भारत का एक प्रतीक

परिचय
पारगट सिंह, भारतीय हॉकी के एक प्रमुख खिलाड़ी, ने अपने अद्वितीय खेल कौशल और नेतृत्व के लिए देश भर में पहचान बनाई। 1980 के दशक में अपने करियर की शुरुआत करने के बाद, उन्होंने भारतीय टीम को कई महत्त्वपूर्ण जीत दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
करियर की शुरुआत
पारगट सिंह का जन्म 5 दिसंबर 1965 को फतेहगढ़ साहिब, पंजाब में हुआ। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत 1981 में भारतीय जूनियर हॉकी टीम से की और जल्दी ही राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई। उनके खेल कौशल और दृढ़ता के कारण उन्हें 1984 के ओलंपिक में भाग लेने का अवसर मिला, जहाँ भारतीय टीम ने सिल्वर मेडल जीता।
प्रतिभा और उपलब्धियाँ
पारगट सिंह अपने करियर में कई महत्वपूर्ण उपलब्धियों के लिए जाने गए हैं। वे पहले भारतीय खिलाड़ी थे जिन्होंने राष्ट्रीय टीम की कप्तानी की और एक प्रभावी डिफेंडर के रूप में अपनी पहचान बनाई। 1994 में एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने में उनकी भूमिका ने उन्हें देश में एक मजबूत पद पर पहुँचाया।
राजनैतिक करियर
हॉकी में अपने करियर के बाद, पारगट सिंह ने राजनीति में कदम रखा। वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्य बने और 2014 में पंजाब से विधान सभा के सदस्य के रूप में चुने गए। उनकी राजनीतिक गतिविधियाँ भी समाज के विकास के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं।
निष्कर्ष
पारगट सिंह ने केवल हॉकी में ही नहीं, बल्कि समाज सेवा में भी अद्वितीय योगदान दिया है। उनके कार्य और उपलब्धियाँ युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा स्रोत बन गई हैं। उनकी उपलब्धियों के माध्यम से, भारत की हॉकी का युग और भी उज्ज्वल दिखाई देता है। पारगट सिंह की कहानी यह सिखाती है कि मेहनत और समर्पण से किसी भी क्षेत्र में सफलता प्राप्त की जा सकती है।