শুক্রবার, জুলাই 25

हरिद्वार: गंगा के किनारे धार्मिक महत्व का स्थल

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हरिद्वार का महत्व

हरिद्वार, उत्तराखंड राज्य में स्थित, एक प्राचीन शहर है जो गंगा नदी के किनारे बसा हुआ है। यह शहर हिंदू धर्म में एक प्रमुख तीर्थ स्थल माना जाता है। हरिद्वार का अर्थ ‘भगवान का द्वार’ होता है और यह वह स्थान है जहाँ गंगा नदी पहाड़ों से मैदानों में प्रवेश करती है। यहाँ प्रतिवर्ष लाखों श्रद्धालु और पर्यटक आते हैं, खासकर कुंभ मेले के दौरान, जो इस क्षेत्र का एक महत्वपूर्ण धार्मिक आयोजन है।

कुंभ मेला

हरिद्वार में आयोजित कुंभ मेला विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक मेला होता है। यह मेला हर 12 वर्ष में आयोजित होता है और इसमें लाखों श्रद्धालु स्नान करने के लिए आते हैं। कुंभ मेले का उद्घाटन देवी-देवताओं की पूजा और गंगा स्नान के साथ होता है, जिसे धार्मिकता और आत्मा की शुद्धि का प्रतीक माना जाता है।

पर्यटन स्थलों की विविधता

हरिद्वार में कई धार्मिक स्थल और आश्रम हैं, जहां लोग ध्यान और साधना करने आते हैं। हर की पौड़ी, चंडी देवी मंदिर और मनसा देवी मंदिर यहाँ के प्रमुख आकर्षणों में से एक हैं। हर की पौड़ी पर गंगा नदी में डुबकी लगाना और शांति एवं संतोष की भावना को अनुभव करना श्रद्धालुओं के लिए एक विशेष अनुभव होता है।

कुप्रभाव और साधारण हालात

हालांकि हरिद्वार धार्मिक पर्यटन का केंद्र है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में पर्यावरणीय समस्याएँ भी उठी हैं। गंगा नदी की स्थिति में गिरावट और प्रदूषण के मुद्दे गंभीर रूप ले रहे हैं। स्थानीय प्रशासन इस बात को लेकर चिंतित है कि किस तरह से इन समस्याओं का समाधान किया जाए और पर्यावरण की रक्षा की जाए।

निष्कर्ष

हरिद्वार न केवल एक पवित्र तीर्थ स्थल है, बल्कि यह पर्यावरण संरक्षण के महत्त्व को समझने का स्थान भी है। यहाँ आने वाले श्रद्धालुओं के लिए यह जरूरी है कि वे न केवल धार्मिक अनुभव लें, बल्कि गंगा नदी और इसके आस-पास के पर्यावरण की रक्षा के प्रति जागरूक रहें। भविष्य में अगर इस प्रकार के प्रयास जारी रहे, तो हरिद्वार केवल आस्था का प्रतीक नहीं, बल्कि एक समृद्ध और स्वस्थ वातावरण का निर्माण करने वाला स्थान भी बन सकेगा।

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