सार्वजनिक टेलीविजन की भूमिका और विकास

परिचय
सार्वजनिक टेलीविजन एक महत्वपूर्ण संचार माध्यम है जो समाज में विभिन्न मुद्दों को उजागर करते हुए जन जागरूकता को बढ़ाने में सहायता करता है। यह कार्यक्रमों के माध्यम से नागरिकों को सूचित और शिक्षित करता है। हाल के वर्षों में, सार्वजनिक टेलीविजन का विकास और सामाजिक मुद्दों पर उसकी भूमिका विशेष रूप से महत्वपूर्ण हो गई है, जिसमें शिक्षा, स्वास्थ्य और सांस्कृतिक कार्यक्रम शामिल हैं।
विकास और परिवर्तन
भारत में सार्वजनिक टेलीविजन की शुरुआत 1959 में दूरदर्शन के रूप में हुई, जो केवल शैक्षिक कार्यक्रमों पर केंद्रित था। समय के साथ, यह मनोरंजन कार्यक्रमों, समाचार, और सामुदायिक सेवाओं का भी हिस्सा बन गया। वर्तमान में, यह विभिन्न भाषाओं में कार्यक्रम प्रदान करता है, जो कि विविधता में एकता को दर्शाता है। सार्वजनिक टेलीविजन ने पिछले कुछ वर्षों में कई परिवर्तन देखे हैं, जैसे कि डिजिटल प्लेटफार्मों पर विस्तार और इंटरनेट आधारित सेवाओं की पेशकश।
वर्तमान घटनाएँ
हाल के दिनों में, भारत में सार्वजनिक टेलीविजन ने कोविड-19 महामारी के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस दौरान, दूरदर्शन ने स्वास्थ्य संबंधित जानकारी और जागरूकता कार्यक्रमों का प्रसारण किया, जो लोगों को सही जानकारी प्रदान करने में मददगार साबित हुआ। इसके अतिरिक्त, भारत सरकार ने ‘स्वच्छ भारत’ और ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ जैसे अभियानों के लिए भी टेलीविजन को सूचना का साधन बनाया।
निष्कर्ष
सार्वजनिक टेलीविजन केवल मनोरंजन का माध्यम नहीं है; यह समाज के विकास में एक महत्वपूर्ण कारक है। इसके द्वारा दी जाने वाली जानकारी और शिक्षा के आकार में, यह नागरिकों को बेहतर संप्रेषण और जागरूकता प्रदान करता है, जो महत्वपूर्ण है। भविष्य में सार्वजनिक टेलीविजन को और अधिक इंटरैक्टिव और समावेशी बनाना आवश्यक होगा, ताकि यह सभी समुदायों को समर्पित रह सके और सामाजिक बदलाव में योगदान दे सके। इसके प्रभाव को समझना और उसका समर्थन करना हर नागरिक की जिम्मेदारी है।