संकष्ट चतुर्थी: महत्व, पूजा विधि और तिथि

संकष्ट चतुर्थी का महत्व
संकष्ट चतुर्थी हर महीने में मनाई जाने वाली एक विशेष हिंदू त्योहार है, जिसका महत्व विशेष रूप से भक्तों के लिए है जो भगवान गणेश की आराधना करते हैं। यह त्योहार चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है, जो पूर्णिमा और अमावस्या के बीच आती है। संकष्ट चतुर्थी का अर्थ है ‘संकट से मुक्ति’ और इस दिन भक्त भगवान गणेश से संकटों के निवारण के लिए प्रार्थना करते हैं।
संकष्ट चतुर्थी पूजा विधि
संकष्ट चतुर्थी पर भक्त सुबह जल्दी उठकर स्नान करते हैं और उपवासी रहते हुए पूजा करते हैं। पूजा की शुरुआत गणेशजी की तस्वीर या मूर्ति की स्थापना से होती है। फिर भक्त घी का दीया जलाते हैं और भगवान को मोती चूर के लड्डू, नारियल, तुलसी, और अन्य मीठे व्यंजन अर्पित करते हैं। विशेष रूप से इस दिन व्रति भक्त गणेश चालीसा पढ़ते हैं और भगवान से संकट दूर करने की प्रार्थना करते हैं।
संकष्ट चतुर्थी 2023 की तिथि
इस साल, संकष्ट चतुर्थी 2023 में 24 मार्च, 23 अप्रैल, 22 मई, और 19 जून को मनाई जाएगी। ये तिथियां भिन्न भिन्न माह के अनुसार होती हैं, इसलिए भक्तों को चाहिए कि वे सही तिथि का ध्यान रखें।
निष्कर्ष
संकष्ट चतुर्थी एक ऐसा पर्व है जो भक्तों में भक्ति और श्रद्धा का संचार करता है। यह त्योहार समाज में गणेशजी की उपासना को बढ़ावा देने का एक साधन है। भक्त इस दिन विशेष रूप से ध्यान लगाते हैं और उनकी समस्याओं का समाधान चाहते हैं। संकष्ट चतुर्थी पर की गई पूजा और व्रत से जीवन में सुख-समृद्धि और शांति की प्राप्ति होती है। अध्यात्मिक दृष्टिकोण से भगवान गणेश की पूजा किसी भी संकट को दूर करने में बहुत प्रभावी मानी जाती है।