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संकष्टी चतुर्थी मई 2025: महत्व और पूजा विधि

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संकष्टी चतुर्थी का महत्व

संकष्टी चतुर्थी एक महत्वपूर्ण हिन्दू त्योहार है जो प्रतिमा के रूप में भगवान गणेश की पूजा के लिए समर्पित है। यह पूर्णिमा के अगले चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। संकष्टी चतुर्थी का पर्व विशेष रूप से उन भक्तों के लिए महत्वपूर्ण है जो कठिनाइयों से उबरने और सुख-समृद्धि की प्राप्ति की प्रार्थना करते हैं। मई 2025 में इस पर्व का आयोजन विशेष रूप से ध्यान देने योग्य है, क्योंकि यह भारतीय जीवन शैली में सामंजस्य और समर्पण का प्रतीक है।

मई 2025 में संकष्टी चतुर्थी की तिथि

मई 2025 में संकष्टी चतुर्थी की तिथि 25 मई को होगी। इस दिन भक्त सुबह-सुबह स्नान करके भगवान गणेश की पूजा करते हैं। भक्त विशेष रूप से उपवास रखते हैं और दिनभर गणेश जी की उपासना करके उनकी कृपा प्राप्त करने की कामना करते हैं।

पूजा विधि

संकष्टी चतुर्थी पर पूजा विधि की निम्नलिखित चरणों में की जाती है:

  • स्नान और शुद्धिकरण: सुबह स्नान करके पवित्रता का ध्यान रखें।
  • मंदिर की सजावट: भगवान गणेश की मूर्ति को फूलों और दीपों से सजाएं।
  • अखंड ज्योत: एक अखंड ज्योत जलाएं और इसके आगे भगवान गणेश का ध्यान करें।
  • भोग अर्पित करें: भगवान को मोदक, लड्डू या अन्य प्रिय खाद्य पदार्थ अर्पित करें।
  • आरती का आयोजन: पूजा के बाद आरती करें और भगवान का आशीर्वाद लें।

महत्व और निष्कर्ष

संकष्टी चतुर्थी का त्योहार न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि यह हमें एकता, सहकारिता और परिवार के महत्व का भी अहसास कराता है। ये महत्वपूर्ण तिथियाँ हमें अपने जीवन में समर्पण और भक्ति के महत्व को समझाती हैं। आने वाले समय में, संकष्टी चतुर्थी का पर्व हमें जीवन की चुनौतियों का सामना करने की प्रेरणा देने के लिए याद रहेगा।

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