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व्लादिमीर पुतिन: रूस के राष्ट्रपति की भूमिका

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व्लादिमीर पुतिन: एक प्रभावशाली नेता

व्लादिमीर पुतिन, जो रूस के राष्ट्रपति हैं, वैश्विक राजनीति में एक प्रमुख और विवादास्पद व्यक्तित्व बन गए हैं। उनके नेतृत्व ने एक ठोस दिशा में रूस की नीति को संभाला है और दुनिया भर में कई घटनाओं का केंद्र बिंदु बने हैं। उनके कार्यकाल में, पुतिन ने एक सशक्त रूस के रूप में देश को प्रस्तुत किया है, जबकि उनके निर्णयों ने अक्सर अंतरराष्ट्रीय संबंधों में तनाव को बढ़ाया है।

पुतिन का राजनीतिक सफर

पुतिन ने 1999 में कार्यपालिका में कदम रखा, जब वह राष्ट्रपति बोरिस येल्तसिन के अधीन रूस के उप-प्रधानमंत्री बने। उन्होंने 2000 में पहले कार्यकाल के लिए चुनाव जीते और फिर 2004 में फिर से चुने गए। 2008 में, उन्होंने प्रधानमंत्री के रूप में कार्य करना शुरू किया, जबकि उनके सहयोगी, दिमित्री मेदवेदेव ने राष्ट्रपति पद संभाला। 2012 में, पुतिन ने फिर से राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव जीते, और 2018 में फिर से निर्वाचित हुए। इस बीच, उन्होंने राजनीति में अपने व्यक्तिगत प्रभाव को बनाए रखा और रूस के संविधान में परिवर्तन भी किए।

अंतरराष्ट्रीय विवाद और तनाव

पुतिन का शासन उनके विदेशी नीतियों के लिए भी जाना जाता है, जिनमें यूक्रेन के साथ तनाव, सीरिया में रूसी सैन्य कार्रवाई और पश्चिमी देशों के साथ संबंधों में तनाव शामिल हैं। 2014 में क्रीमिया का रूस में विलय और हाल ही में यूक्रेन पर आक्रमण ने पहले से ही विद्यमान तनाव को और बढ़ा दिया है। इन विषयों पर पुतिन की अनाकर्षक दृष्टिकोण ने उन्हें अंतरराष्ट्रीय समुदाय में एक विवादास्पद नेता बना दिया है।

भविष्य की दिशा

आगामी वर्षों में, पुतिन के शासन पर कई दृष्टिकोण होंगे। ज्यादातर विश्लेषकों का मानना है कि वे अपने निजी हितों को बनाए रखने के लिए कड़े फैसले लेते रहेंगे। जैसे-जैसे पश्चिमी देशों ने रूस के खिलाफ आर्थिक प्रतिबंध बढ़ाए हैं, रूस की आंतरिक और बाहरी नीति में महत्वपूर्ण बदलाव आ सकते हैं। वैश्विक राजनीति में पुतिन की भूमिका हर समय महत्वपूर्ण होती जा रही है, और उनके निर्णय भविष्य में रूस और दुनिया पर गहरा प्रभाव डाल सकते हैं।

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