विश्व गौरैया दिवस 2025: संरक्षण की आवश्यकता

विश्व गौरैया दिवस का महत्व
हर साल 20 मार्च को मनाए जाने वाला विश्व गौरैया दिवस, गौरैया पक्षियों के संरक्षण और उनकी घटी हुई जनसंख्या के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए समर्पित है। गौरैया, जो हमारे पर्यावरण का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, पिछले कुछ दशकों में काफी संख्या में घट गए हैं। इस दिन का उद्देश्य लोगों को गौरैया की स्थिति, उनके लिए अनुकूल वातावरण बनाने और उनके संरक्षण के पहलुओं के प्रति जागरूक करना है।
गौरैया की स्थिति
विभिन्न शोधों के अनुसार, गौरैया की आबादी पिछले 30 वर्षों में 50 प्रतिशत तक कम हो गई है। शहरीकरण, कीटनाशकों का बढ़ता उपयोग और खाद्य स्रोतों की कमी, इन पक्षियों की घटती संख्या के प्रमुख कारण हैं। गौरैया आमतौर पर हमारे आसपास के पर्यावरण का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होती है और उनके बिना प्राकृतिक संतुलन में कमी आती है।
विश्व गौरैया दिवस 2025 की योजनाएँ
2025 में विश्व गौरैया दिवस पर कार्यक्रमों की योजना बनाई जा रही है, जिसमें स्कूलों, कॉलेजों और स्थानीय संगठनों द्वारा विशेष जागरूकता अभियान और कार्यशालाएँ आयोजित की जाएँगी। इसके साथ ही, विभिन्न सार्वजनिक स्थानों पर ‘गौरैया घर’ और पानी के बर्तन रखने के प्रयास किए जाएंगे। इसके अंतर्गत, सामुदायिक स्तर पर कार्यक्रमों को बढ़ावा देने के लिए ऑनलाइन मंचों का सहारा लिया जाएगा।
संरक्षण का महत्व
गौरैया का संरक्षण केवल उनकी संख्या को बढ़ाने का काम नहीं है, बल्कि यह हमारी पारिस्थितिकी के संतुलन को बनाए रखने के लिए भी अत्यंत आवश्यक है। पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता बढ़ाने और बच्चों में पक्षियों के प्रति प्रेम को जगाने के लिए कार्यरत संगठन इस दिन को एक महत्वपूर्ण अवसर मानते हैं।
निष्कर्ष
विश्व गौरैया दिवस 2025, हमें यह याद दिलाने का एक साधन है कि हमें प्रकृति के इकोसिस्टम का संरक्षण करना चाहिए। यह दिन न केवल गौरैया, बल्कि अन्य जीवों की सुरक्षा के प्रति हमारी जिम्मेदारी को पुनः जागृत करता है। इस दिन होने वाले आयोजनों से हमें उम्मीद है कि लोग इस दिशा में कदम उठाएंगे और अपने आस-पास के वातावरण को बेहतर बनाने के लिए कार्य करेंगे।